कानपुर देहात ! जनकपुरी मैदान अकबरपुर में चल रही साप्ताहिक श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन कथा एवं सनातन सत्संग महोत्सव के समापन के दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पं0 शिवा कान्त जी महाराज द्वारा श्रोता समाज को समझाया गया कि सुदामा ही जीव है सुशीला ही बुद्धि है बुद्धि रूपी सुशीला से जीव रूपी सुदामा प्रेरित होकर के जब परमात्मा की शरणागति ग्रहण करता है तो उसे परम गति प्राप्त होती है सुदामा जी को भगवान ने द्वारिका जैसी संपत्ति प्रदान कर दी लेकिन सुदामा जी ने उसका उपभोग नहीं किया और अंत में परमधाम को प्राप्त किया कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाह के विषय में विस्तार पूर्वक श्रोता समाज को समझाया एवं बेटियों के विषय में वर्णन किया समाज से अपील करते हुए कथा व्यास ने बताया कि बेटियों को मारना नहीं चाहिए बल्कि बेटियों को जन्म देने की जरूरत है बेटियां घर की लक्ष्मी होती है जो कि हर किसी को प्राप्त नहीं होती है बहुत सौभाग्यशाली वह व्यक्ति होते हैं जिनके यहां पर बेटियां जन्म लेती हैं यही बेटियां आगे चलकर दो परिवारों के मिलन का अहम हिस्सा बनती हैं कुछ लोग दुनियाभर मे ऐसे लोग भी है जिनको कन्याओं से बेहद ही प्रेम होता है मगर भगवान ने उनको बिटिया नहीं दिया है । इसलिए आप सभी लोग बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ आज की कथा में सुदामा जी की झांकी दिखाई गई एवं राधा कृष्ण के साथ में श्रोता समाज ने फूलों की होली खेली गई फूलों की होली कार्यक्रम में श्रोता समाज झूमते एवं नाचते हुए दिखाई दिए जिसको देखते भक्तों में भारी उत्साह बढ़ गया साथ ही
फूलों की होली के साथ में कथा का विराम हुआ कथा के विराम में कथा व्यास को चांदी का मुकुट पहनाया सम्मानित किया सह यजमान अंजू मिश्रा, ऋषभ गुप्ता अक्षय मुंबई से आए कथा सुनने फिल्म इंडस्ट्रीज में काम करते हैं, कथा के प्रधान यजमान रामचंद्र गुप्ता, अंजू मिश्रा, जितेंद्र गुप्ता, अमरीश, राजेश गुप्ता, डॉक्टर राजेंद्र सिंह, शिखा सिंह, आदि भक्त कथा में यजमान रहे आज की कथा में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए डॉक्टर नरेंद्र द्विवेदी, उदय सिंह, महेश त्रिवेदी, राहुल अग्निहोत्री, मनीष गुप्ता औरैया, तिलक सिंह चौहान, पूर्व फौजी धर्मेंद्र सिंह पाल पूर्व किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष कानपुर ग्रामीण, बृजेश मिश्रा राष्ट्रीय सहारा अखबार संपादक कानपुर नगर, आज अखबार के ब्यूरो हेड जय मिश्रा कानपुर देहात आदि बड़ी संख्या में कानपुर देहात के श्रोता गण कथा में उपस्थित रहे कथा की पूरी विस्तार पूर्वक जानकारी महाराज श्री के पीआरओ पं0 उत्तम शुक्ल द्वारा दी गई कथा के दौरान यहां के बड़े बुजुर्ग महिलाए
भावुक दिखे जिन्होंने व्यास पीठ पर पहुंचकर व्यास जी का सम्मान करते हुए बताया कि व्यास जी के द्वारा बहुत सुंदर तरीके से हम सभी को भारतीय सनातन संस्कृति के बारे में बताया एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन पवित्र कथा सुनाई गई महाराज श्री ने बताया कि सनातन का दूसरा नाम है सदातन जो सदैव तना वा बना रहेगा सनातन का मूल्य उद्देश्य है। भगवान विष्णु विश्व की धरा पर जब तक एक भी मनुष्य जीवित है तब तक सनातन जीवित हैं विश्व में सनातन के अलावा जो भी पंत मजब है विश्व में केवल एक ही धर्म है जोकि सनातन धर्म ही है और रहेगा प्रत्येक विश्व के नागरिक को सनातन मय होना चाहिए और सनातन संस्कृति को मनाना चाहिए महाराज श्री के द्वारा बताया गया महाराज श्री ने श्रोता समाज से को बताया की प्रत्येक मनुष्य को एक वृक्ष लगाना ही चाहिए क्योंकि एक वृक्ष अपने पुत्र के समान होता है। प्रत्येक मनुष्य को पानी भी बचाना चाहिए प्रत्येक मनुष्य को धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए भारतीय सनातन संस्कृति कभी भी लड़ाई झगड़ा आपसी मतभेद नहीं सिखाती है ।आदि उक्त बातें महाराज श्री के द्वारा श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन कथा में बताई गई। कथा मे भक्तो ने बड़े ही ध्यान पूर्वक कथा सुनी।