पटाखा जलाते समय गर्भवती महिला एवं पशु पक्षियों का भी रखे ख्याल

कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलिप नगर के पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर दिपावली के त्योहार पर पटाखो की आतिशबाजी से
से पशुओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर एडवाईजर
जारी किया उन्होंने की दीपावली पर जिन पटाखों का प्रयोग होता है उसमें से सल्फर डाइऑक्साइड कार्बन डाई ऑक्साइड मोनो डाई ऑक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलती है जिसके कारण पशु पक्षियों को इन गैसों से श्वास रोग हो जाता है जिससे पशु पक्षियों के में मृत्यु दर बढ़ जाता है
इन पटाखे की तीव्रता लगभग 140 से 150 डेसिबल होता है जो सामान जनों के कानों में आसानी होता है जिसकी वजह से विभिन्न प्रकार के रोग हो जाता है साथ ही गर्वित पशुओं का गर्भात होने की प्रबल संभावना होती है एवं दुधारू पशुओं का दूध कम हो जाता है

पशु कम उम्र हो जाते है पालतू कुत्ते शहर में रहते हैंशहर में रहते हैं तथा एकांत स्थान की तलाश में रहते हैं इन पटाखों की सबसे ज्यादा नुकसान पंछी परिंदों को होता है जो अपने घोसलों में इन आवाजों को सुनकर बेचारे दम तोड़ देते हैं
पटाखे की आवाज
90 डेसीबल से भी कम होना चाहिए
जो पशु पक्षियों के लिए छाती ना पहुंचाएं उन्होंने सलाह दी है कि ऐसे पटाखे का प्रयोग करना चाहिए एवं पटाखे ऐसे स्थान पर जलाना चाहिए जहां पालतू जानवर ना हो साथ ही पटाखे जलाते समय अपने पास काम से कम एक बाल्टी पानी अवश्य रखें जिससे कोई घटना घटित होने से पूर्व ही उसको नियंत्रित की जा सके । साथ ही दीपावली पर हम मनुष्यों को भी पटाखों का धुआं बेहद ही जानलेवा हो सकता है इसलिए हम लोगों को भी बिल्कुल भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए क्योंकि दीपावली पर पटाखों का धुआं हम लोगों की सेहत पर काफी ज्यादा प्रभाव डाल सकता है इसलिए हम लोगों को बेहद इस दीपावली पर पटाखे जलाते समय अपना बेहद ख्याल रखना चाहिए। दीपावली में पटाखे की आवाज नहीं होती तो शायद कुछ कमी सी लगती है अगर पटाखे हमारे स्वस्थ को नुकसान व पर्यावरण को हानि पहुंचा रहे हैं तो हमें इसका भी ख्याल रखना चाहिए क्योंकि दिन पर दिन प्यारे भारत में और हमारे भारत में प्रदूषण का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है जिसके कारण कई लोग बीमारी का शिकार हो रहे हैं आए दिन वही अस्पतालों में भी मरीज नजर आ रहे हैं इसलिए हम लोगों को घर का कूड़ा करकट में कभी आग नहीं लगना चाहिए और साथ ही कम प्रदूषण वाले पटाखे जलाने चाहिए। दमा के मरीजों को सीओपीडी या एलर्जिक रहाइनिटिस से पीड़ित मरीजों की समस्या इन समय बेहद ही बढ़ जाती है साथी पटाखे में मौजूद छोटे छोटे कण सेहत पर बेहद ही बुरा असर डालते हैं। जिसका असर अधिकतर फेफड़ों में पड़ता है इस तरह से पटाखों के धुएं से फेफड़ों में सूजन भी आ सकती है जिससे फेफड़ा अपना ठीक से काम नहीं कर पाते और कभी-कभी हालात या भी पहुंच सकते हैं कि ऑर्गेन फेलियर और मौत तक हो सकती है ऐसे में अपने आप को दीपावली पटाखों के होने वाले प्रदूषण धुएं से बच्चे पटाखों के धुएं से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का भी खतरा पैदा हो जाता है पटाखे में मौजूद लाइट सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक है इसके कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ जाती है इस पटाखों से होने वाले जोर-शोर और धुएं के कारण गर्भवती महिलाओं को काफी सावधानियां बरतना चाहिए क्योंकि धुएं से गर्भात की संभावना बढ़ जाती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को भी ऐसे समय पर घर से बिल्कुल भी नहीं निकलना चाहिए और अपना और अपने होने वाले मासूम बच्चे का भी ख्याल रखना चाहिए साथ ही धुएं से दीपावली के दौरान हवा में पीएम बढ़ जाता है जब लोग इन पुरुषों के संपर्क में आते हैं तो उन्हें आंख नाक और गले की समस्या हो जाती है पटाखे का धुआं सर्दी जुकाम और एलर्जी का कारण बन सकता है और इस कारण छाती व गले में इन्फेक्शन भी हो सकता है इसलिए सावधान रहें और सतर्क रहें शुभ दीपावली हैप्पी दीपावली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नमस्कार,J news India में आपका हार्दिक अभिनंदन हैं, यहां आपकों 24×7 के तर्ज पर पल-पल की अपडेट खबरों की जानकारी से रूबरू कराया जाएगा,खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करें- +91 9044953076,हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें साथ ही फेसबुक पेज को लाइक अवश्य करें।धन्यवाद