कानपुर 14 / अक्टूबर – झूठ यह वह गंदी ,घिनौनी और ज़लील आदत है कि दुनिया में झूठे इंसान का कहीं कोई ठिकाना नहीं झूठा आदमी हर जगह जलील और रुसवा होता है हर मजलिस में और हर इंसान के सामने बेवक़ार और बे एतमाद हो जाता है झूठ बोलना बहुत बड़ा गुनाह है कि अल्लाह ने कुरान मजीद में ऐलान फरमा दिया कि कान खोल कर सुन लो कि झूठों पर खुदा की लानत है और वह खुदा की रहमत से महरूम कर दिया जाता है और सच्चाई में इंसान की निजात है सच्चाई जन्नत में जाने का ज़रिया है सच्चा इंसान अल्लाह को प्यारा होता है सच्चे शख्स को अपने तो अपने बेगाने भी पसंद करते हैं | उक्त विचारों को आल इंडिया गरीब नवाज़ कौंसिल के तत्वाधान में आयोजित काउन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत मौलाना मो.हाशिम अशरफ़ी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने जश्ने शाहे जीलां के प्रोग्राम को संबोधित करते हुए जामिया अशरफुल मदारिस गद्दियाना में व्यक्त किये श्री अशरफ़ी ने कहा कि गौसे आजम ने सच्चाई का जो अज़ीम पैगाम दिया है वह लोगों के लिए नमूना है आपने कहा मेरी मां ने मुझसे कहा है कि किसी हाल में झूठ नहीं बोलना इसलिए मैंने सच बता दिया आप की सच्चाई देख कर तमाम डाकू ने तौबा की और लूटमार छोड़कर सीधे रास्ते पर आ गए लोगों को चाहिए गौसे आज़म के पैगाम से आप की सच्चाई से सबक लेते हुए हर हाल में सच बोले और झूठ से बचें इससे समाज में सुधार होगा मौलाना मोइनुद्दीन अशरफी,मौलाना आज़ाद अशरफ़ी,मौलाना सय्यद कासिम बरकाती ने भी विचार व्यक्त किये इस से पूर्व जश्न की शुरूआत कुरान ए पाक की तिलावत से हाफिज़ मिन्हाज उद्दीन कादरी ने की कारी कलीम नूरी कानपुरी, हाजी सय्यद खुर्शीद आलम,कारी फैसल अलीमी, कारी मो.अहमद अशरफ़ी,हसन शिबली,हाफिज अकबर,हाफिज फैज़ान ने हम्द व नात व मन्क़बत पेश किये संचालन हाफिज मो.अरशद अशरफ़ी ने किया सलातो सलाम और हिन्दुस्तान समेत आलमे इस्लाम के अमनो अमान के लिए दुआएं की गयीं तबर्रुक तकसीम किया गया प्रमुख रूप से मौलाना महताब आलम कादरी,मौलाना हादी साहब,हाजी हैदर अली,हाजी शराफ़त अली,मोहम्मद शफीक,इफ्तिखार अहमद,मोहम्मद उस्मान,सय्यद अतहर अली,शहज़ाद अहमद,असलम अली,दिलदार गाज़ी,उमर मारूफ़,मौलाना गुलाम हसन,हाफिज़ बहारुद्दीन अशरफी,हाफिज नूर आलम,हाफिज़ अख्तर कानपुरी,दिलशाद कानपुरी,हाजी अब्दुल रशीद,हाजी अरबी हसन,हाजी हबीब अहमद,हाजी सईद अहमद,हाजी रसूल बख्श,सूफी अंसार अहमद,इदरीस खान,ताजुद्दीन,मोहम्मद फैजी,जुनेद आलम,अशफाक़ अहमद,नूरानी बरकाती,जाबिर अली,मुफीस अहमद,हनीफ अहमद,साबिर अली,गयासुद्दीन कादरी,शकील अहमद, हाफिज़ शुऐब रज़ा समेत जामिया के मुदर्रेसीन व तलबा व मस्जिदों के इमाम आदि उपस्तिथ थे।
समाज में झूठ का खात्मा करके सच्चाई का परचम लहरायें :मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी
