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मनीष गुप्ता
कानपुर।
प्रत्येक वर्ष की भांति, इस वर्ष भी शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को, माता श्री वैभव लक्ष्मी मंदिर में, 251 किलो घी की अखंड ज्योति प्रज्वलित करी गई। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन, भक्तों की भारी संख्या में भीड़, माता के दरबार में दर्शन के लिए उमड़ी। इन सभी भक्तों का मुख्य आकर्षण का केंद्र, माता की 251 किलो घी की अखंड ज्योति रही। जिसका दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आए। नवरात्रि के 9 दिन तक लगातार, यह अखंड ज्योति माता के दरबार में प्रज्वलित रहती है और भक्तों का ऐसा विश्वास है कि जो भी भक्त माता की अखंड ज्योति में घी अर्पित करता है, भगवती उनके भंडार सदा भरे रखती हैं।
यह अखंड ज्योति एक नन्ही
कन्या के द्वारा प्रज्वलित कराई जाती है। एक दिन पहले ही भक्त, अपनी-अपनी कन्याओं के नाम भेजना प्रारंभ कर देते हैं। जिन कन्याओं का नाम भक्तों द्वारा भेजा जाता है, उनके नाम की पर्ची भगवती के सामने रखकर, निकाली जाती है। जिस कन्या का नाम निकलता है, उस कन्या का पूजन करके, उनके कर कमलों द्वारा, माता की अखंड ज्योति प्रज्वलित कराई जाती है। इस बार शिवान्या चौरसिया का नाम भगवती की इच्छा से पर्ची में निकला, और उनके द्वारा माता की अखंड ज्योति प्रज्वलित करी गई। शिवन्या चौरसिया के माता-पिता ने कहा कि यह हमारा परम सौभाग्य है, जो माता ने हमारी बेटी को चुना और उसके हाथों से ज्योति प्रज्वलित करवाई। मंदिर अध्यक्ष, आनंद कपूर तथा उपाध्यक्ष करन रामानुज दास द्वारा इस अखंड ज्योति की परंपरा की महिमा बताते हुए कहा गया कि, यदि किसी भक्त को किसी प्रकार का चर्म रोग, नेत्र रोग आदि होता है, तो माता की ज्योति का घी लगाने से भी उसके कष्ट दूर होते हैं।