मनीष गुप्ता
कानपुर। शहर की तमाम मुख्य सड़कों पर सुगम यातायात व्यवस्था के लिए नासूर बन चुके ई-रिक्शा अब डफरिन महिला चिकित्सालय उर्सला केपीएम हैलट समेत अन्य अस्पतालों के बाहर अवैध तरीके से रिक्शे खड़े कर अराजकता फैला रहे हैं जिससे अस्पताल से बाहर निकलने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन जिम्मेदार अफसर इस ओर सुध नहीं ले रहे हैं। बताते चलें कि चालक बिना इशारा दिए ही शहर की सड़कों पर अचानक टर्न ले लेना या कहीं भी रिक्शा घुमा देना इनके लिए आम बात है। जो हादसों का कारण बनती है। ई-रिक्शा अब सुविधा से ज्यादा लोगों के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। बिना नियम-कायदे के ये तीन पहिया वाहन सड़कों पर अराजकता मचाए हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि शहर में लगभग 50 हजार से ई-रिक्शा शहर मे जोर शोर से फरार्टा भर रहे हैं, लेकिन इनके संचालन के लिए आज तक कोई नीति नहीं बन पाई है। न ई- रिक्शा स्टैंड निर्धारित किए गए और न ही महानगर में इनके लिए कोई कायदे का रूट तय है। जाम और हादसों का कारण बनने वाले इन वाहनों से लोग आजिज आ चुके हैं।
साथ ही शहर में ई रिक्शो की आरजकता से आम जनमानस भी काफी परेशान है।