कानपुर। शहर मे आयेदिन प्राइवेट अस्पतालो की घोर लापरवाही से आये दिन जनमानस परेशान है कही
झोलाछाप साहब डॉक्टर के इलाज के दौरान मरीज की मौत तो कहीं अस्पताल संचालक की लापरवाही से किसी की मौत तो कहीं गलत इलाज से किसी मासूम की मौत तो कही नवजात के ईलाज मे लापरवाही का आरोप आपको बता दें कि ऐसा ही मामला एटा निवासी प्रेम प्रताप का है पीड़ित ने आरोप लगाते हुए बताया 6 / 4/ 2024 को अपनी पत्नी को डिलिवरी के लिए चकेरी थाना क्षेत्र स्थित रक्षा हास्पिटल मे भर्ती कराया था जहां पत्नी दिव्या सिंह का इलाज डॉक्टर किरण पांडे द्वारा किया जा रहा था 6 अप्रैल को पत्नी ने बच्चों को जन्म दिया जिसकी गंभीर स्थिति बताकर डॉक्टर एस के मिश्रा सरकारी डॉक्टर ने उन्हें एनआईसीयू में भर्ती करने की बात कही जहां लापरवाही के चलते बच्चों के फेफड़ों में पानी भर गया इस बारे में डाक्टर एस के मिश्रा से कुछ पूछना चहा तो उन्होने धमकाते हुए हमसे बोला मैं एक सरकारी डॉक्टर हूं तुम हमसे ज्यादा नहीं जानते हो तुम इसको किसी हार्ड के अस्पताल में ले जाओ वहां इसका इलाज होगा तभी हमको रक्षा हॉस्पिटल के स्टाफ ने बताया आप वहां मत जाना नहीं तो आप लूट जाएंगे इसके बाद मैने आनंन फानन अपने बच्चों को लखनऊ में इलाज कराया जहां डॉक्टर की कही हुई बात बिल्कुल झूठी निकली जिसकी शिकायत मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र लिखा है साथ ही कई बार मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भी न्याय की पुकार लगा चुका हूं मगर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नही हुई
डॉक्टर एस के मिश्रा किसी पार्टी से विधायक के रिश्तेदार है इसलिए हमको कार्रवाई के नाम पर बार-बार गुमराह किया जा रहा है अगर इस मौत देने हास्पिटल संचालक के डॉक्टर एके शाह और उनके डॉक्टरो पर जल्द कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो मैं स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के पास पहुंचकर इनकी शिकायत करूंगा और ऐसे अस्पताल संचालकों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हास्पिटल सीज करने की गुहार लगाऊंगा ताकि और किसी पीड़ित के साथ में ऐसा ना हो सके।
आखिरकार कब बंद होगे अस्पताल के नाम पर मौत के स्लॉटर हाउस
