केंद्रीय ट्रेड यूनियनों संयुक्त मंच के प्रतिनिधि मंडल ने श्रम मंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा

कानपुर-आर्थिक श्रमिकों की समस्याओं को लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच के प्रतिनिधि मंडल ने श्रम मंत्री को प्रदेश में श्रम कानूनों का पालन न होने की स्थिति में श्रमिकों का भी एवं शारीरिक शोषण होने के को दिया गया ज्ञापन के द्वारा प्रमुख रूप से मांग की गई कि केन्द्र सरकार की कारपोरेट मुनाफा बढ़ाने के खिलाफ 32 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन अपर श्रमायुक्त कल्पना श्रीवास्तव के माध्यम से श्रम मंत्री उत्तर प्रदेश शासन लिए बेरोजगारी बढ़ाने वाली, गरीबों की आजीविका छीनने वाली और बेहद कम मजदूरी देकर काम कराने वाली नीतियों का विरोध करते हैं इसके साथ ही सार्वजानिक क्षेत्र के उद्यमों, विभागों तथा शिक्षा एवं स्वास्थय के क्षेत्रों में रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति की जाये प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही धांधली के सम्बन्ध में उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच कराते हुए दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाये बिजली विधेयक 2022 को निरस्त किया जाये तथा विद्युत दर में की जाने वाली वृद्धि को तत्काल रोका जाये चार श्रम संहिताओं तत्काल रद्द कर श्रम कानून बहाल किया जाए किसानों और मजदूरों को कर्जमुक्त करने की सर्व समावेशी योजना लागू करे, सबके लिए रोजगार का सृजन किया जाए और बेहताशा महंगाई पर रोक लगाई जाए एमएसपी सी-250 प्रतिशत पर सुनिश्चित खरीदी न करने, खेती-किसानी की बढ़ती लागत, कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक विकास योजनाओं में कटौती और भ्रष्टाचार का विरोध करते हैं सार्वजनिक उद्योगों को बेचने, निजीकरण, ठेकेदारी करण तथा श्रम कानूनों खत्म कर 4 श्रम संहिताएं बनाने का विरोध करते हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगे तथा नई शिक्षा नीति, 2020 को रद्द हो, पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए तथा खुदरा व्यापार में कॉरपोरेटों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाओ, महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों को रोका जाए, सभी किसानों को सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य सकल सी-2 लागत का डेढ़ गुना सुनिश्चित किया जाए इस रेट पर सरकारी खरीद की कानूनी गारंटी की जाए सरकारी खरीद में किसानों से 100 रुपये प्रति क्विंटल की रिश्वत और 40 रुपये तौल खर्च की वसूली बंद हो, सभी किसानों और मजदूरों को कर्ज मुक्त किया जाए, जिसका भाजपा ने इसका वादा किया था माइक्रो फाइनेंस समूह द्वारा दिए जा रहे कर्ज की व्याज दर, किसान क्रेडिट कार्ड की व्याज दर के बराबर 4 फीसदी हो, खाद सब्सिडी बहाल हो, बड़े दाम वापस हों, बीज व कीटनाशक दवाओं के दाम आधे हों ट्रैक्टर व अन्य खेती की मशीनों व पुर्जों पर जीएसटी हटाया जाए, आवारा पशुओं की समस्या हल की जाए और किसानों के नुकसान की भरपाई की जाए, गांव व बाजारों में सभी को 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए, कनेक्शन काटना बंद हो, पुराने बिल माफ किये जाएं और प्रीपेड मीटर योजना रद्द की जाए घाटे की वसूली अमीरों से की जाए, वृद्धावस्था व विधवा पेंशन 10000 रुपये मासिक किया जाए ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में इंटक से राजेश शुक्ल, पीएस बाजपाई, एटक से असित कुमार सिंह, गौरव दीक्षित, एचएम्एस से टीके पासवान, योगेश ठाकुर सीटू से राजीव खरे, राम प्रकाश राय, एक्टू से एसएएन जैदी, राणा प्रताप सिंह, एआईयूटीयूसी से धर्मदेव, आरडी गौतम टीयूसीसी से रमेश विश्वकर्मा, आरपी श्रीवास्तव, ओपी रावत, देवेन्द्र सिंह शशिकांत शर्मा आदि लोग शामिल रहे।

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