तंबाकू से बने हुए पदार्थों का दहन करके आमजन को तंबाकू का सेवन न करने के प्रति किया गया जागरूक
कानपुर-इंडियन मेडिकल एसोसियेशन कानपुर के तत्वाधान में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर एक प्रेसवार्ता का आयोजन आईएमए भवन परेड में किया गया इस पत्रकार वार्ता को आईएमए कानपुर की अध्यक्ष डॉ. नंदिनी रस्तोगी, डॉ. एके मित्तल, चेयरमैन, एंटी टोबैको सब कमेटी, डॉ.रवि कुमार, डॉ. सौरभ लूथरा, उपाध्यक्ष, डॉ. मधुकर कटियार, को चेयरमैन, एंटी टोबैको, सब कमेटी, डॉ. कुणाल सहाय सचिव, डॉ. दीपक श्रीवास्तव, वित्त सचिव, आईएमए कानपुर आदि चिकित्सकों ने संबोधित किया और तम्बाकू सेवन रोकने के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘तम्बाकू से बने हुए पदार्थों का दहन कार्यक्रम आयोजित किया और नागरिकों से अपील की कि वे तम्बाकू का सेवन न करें, क्योंकि तम्बाकू एवं उससे बने हुए पदार्थों का शरीर पर बहुत हानिकारक प्रभाव होता है आईएमए कानपुर के सभी चिकित्सकों ने बताया कि बच्चो को तम्बाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना है विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार टोबैको एपिडेमिक स्वास्थ्य के लिए एक विकट समस्या है लगभग 1.3 अरब लोग तंबाकू का सेवन करते है तम्बाकू के कारण विश्व भर में 80 लाख मृत्यु होती है जिसमे से 13 लाख मृत्यु सेकंड हैंड स्मोकिंग के कारण होती है तम्बाकू के कारण होने वाली मृत्यु एचआईवी, ड्रग्स, अल्कोहल, सड़क दुर्घटना या गोली बारी सभी की संयुक्त मृत्यु दर से अधिक है धूम्रपान 90% सभी प्रकार के फेफड़ों में होने वाले कैंसर का कारण है, धूमपान 80%, सीओपीडी से होने वाली मृत्यु का कारण है, धुम्रपान से निम्न रोगों को बढावा मिलता है हृदय घात एवं ब्रेन स्ट्रोक 2 से 4 गुना अधिक, लंग कैसर में 25 गुना होना, महिलाओं में 25.7 गुना होता है, सिगरेट पीने वालो में हृदय संबंधी रोग अधिक व शीघ्र होते है, धूमपान व तम्बाकू के सेवन से निम्न प्रकार के कैंसर होने की संभावना रहती है ब्लड कैंसर, सर्वाइकल, कैंसर, आहारनली अमाशय, गुर्दा, लीवर, पेंक्रियाज, मुंह इत्यादि इसके अतिरिक्त गर्भवती महिला के धूमपान करने पर बच्चे के मस्तिष्क का विकास नही होता है या स्टील वर्थ हो जाती है पुरुषो के स्पर्म काउंट व नपुंसकता को बढाता है स्त्रियों की प्रजनन क्षमता कम करता है यह देखा गया है कि तम्बाकू का सेवन करने वाले 80% लोग मिडिल व लो इनकम ग्रुप से आते हैं तम्बाकू के पदार्थ बनाने वाले इंड्रस्टी बच्चों व नौजवानों को एडिक्ट बनाने के प्रयास में रहती है इस कारण इस वर्ष बच्चो को तम्बाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्येय है, तम्बाकू का सेवन, सिगरेट, बीड़ी, वेपिंग (ई सिगरेट) इसके अतिरिक्त तम्बाकू का सेवन, तम्बाकू चबा कर जैसे गुटखा, खैनी, निकोटिन पदार्थ का सेवन करके किया जाता है अधिकांश लोगों में ई सिगरेट को लेकर भ्रम है की ये कम नुकसानदेह है, वास्तविकता में ई सिगरेट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तथा सुरक्षित नही है यह आपके हृदय व फेफड़ो के विकार को बढ़ाता है तथा मस्तिष्क के लिए भी हानिकारक है सिगरेट व तंबाकू पदार्थ प्रदूषण बढ़ाते हैं दुनिया भर में 2 लाख हेक्टर जमीन पर तम्बाकू के पौधे उगाए जाते हैं जिसका उपयोग भोजन के लिए आवश्यक पेड़ पौधे को लगाने के लिए किया जा सकता है तम्बाकू के एडिक्शन का कारण निकोटिन होता है तम्बाकू की लत काउंसलिंग व दवाओं के द्वारा छुड़ाया जा सकता है ऐसा माना जाता है कि अधिकांश लोग इस लत से छुटकारा पाना चाहते हैं सरकार कुछ पॉलिसियां बदल कर व टैक्स बढ़ाकर तम्बाकू के प्रयोग पर कठोर कार्यवाही करके इसे रोका जा सकता है इस अवसर पर डॉ. विपुल सिंह, डॉ.उन्नति कुमार, को-कन्वेनर, एंटी टोबैको सब कमेटी, डॉ. कुश पाठक, डॉ. निशांत सौरभ सक्सेना, डॉ. एम जे गुप्ता, डॉ. एस वाल्दिया, डॉ. आनंद कुमार, डॉ. राजीव कक्कड़, डॉ. राजीव चित्रांशी, मेंबर्स, एंटी टोबैको, सब कमेटी, आईएमए कानपुर, डॉ. बृजेंद्र शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष, और डॉ. अमित सिंह गौर, पूर्व सचिव उपस्थित थे