कानपुर ।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने मंगलवार को अपने गौरवशाली 66वें स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया। यह अवसर न केवल संस्थान की उल्लेखनीय यात्रा का प्रतीक रहा, बल्कि देश और समाज के प्रति तकनीकी उत्कृष्टता, नवाचार और अनुसंधान की नई प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बन गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसे मुख्य अतिथि आईआईटी रोपड़ और आईआईटी गोवा के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष आदिल जैनुलभाई एवं आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने संयुक्त रूप से किया। समारोह में संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों, संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों, पूर्व छात्रों और अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया।
स्वागत भाषण देते हुए निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि “यह दिवस हमारे संस्थान के लिए आत्ममंथन और प्रेरणा का दिन है। यह वह क्षण है जब हम अपनी उपलब्धियों पर गर्व करते हुए भविष्य की नई चुनौतियों के लिए तैयार होते हैं।” उन्होंने संस्थान की कई नई पहल और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिनमें वाधवानी स्कूल ऑफ एआई एंड इंटेलिजेंट सिस्टम्स की स्थापना, कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी भवन की आधारशिला रखना तथा ट्रांसलेशनल अनुसंधान (Translational Research) पर संस्थान के बढ़ते फोकस को विशेष रूप से रेखांकित किया।
निदेशक ने अपने संबोधन में कहा कि “आईआईटी कानपुर केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि विचार, नवाचार और अनुसंधान की प्रयोगशाला है, जहाँ हर छात्र एक ‘परिवर्तनकर्ता’ के रूप में विकसित होता है।” उन्होंने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि “आदिल जैनुलभाई जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व का हमारे बीच होना अत्यंत सौभाग्य की बात है। उनके अनुभव और दृष्टिकोण से हमारे विद्यार्थियों को सीखने का अमूल्य अवसर मिलेगा।”
मुख्य अतिथि आदिल जैनुलभाई ने अपने उद्बोधन में कहा कि “आईआईटी कानपुर लंबे समय से तकनीकी और वैज्ञानिक उत्कृष्टता का प्रतीक रहा है। यहां के पूर्व छात्र, विद्वान और अनुसंधानकर्ता देश के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। यह संस्थान आज विकसित भारत की दिशा में एक नवाचार और आर्थिक इंजन के रूप में कार्य कर रहा है।” उन्होंने कहा कि “आईआईटी कानपुर का 66 वर्षों का यह सफर आने वाली पीढ़ियों को उद्देश्यपूर्ण नवाचार और निष्ठा के साथ नेतृत्व करने की प्रेरणा देता रहेगा।”
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न श्रेणियों में कुल 21 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया, जिनमें संस्थान फेलो, विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, विशिष्ट सेवा पुरस्कार और युवा पूर्व छात्र पुरस्कार शामिल थे। इन पुरस्कारों के माध्यम से उन व्यक्तियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने न केवल अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियाँ हासिल कीं, बल्कि समाज, राष्ट्र निर्माण और संस्थान के विकास में भी अनुकरणीय योगदान दिया।
समारोह के अंत में आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने मुख्य अतिथि, पुरस्कार विजेताओं, संकाय सदस्यों, छात्रों एवं सभी उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “आईआईटी कानपुर सदैव नवाचार, उत्कृष्टता और राष्ट्र सेवा के अपने मूल मंत्र पर आगे बढ़ता रहेगा।”
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसने पूरे वातावरण में देशभक्ति और गर्व की भावना भर दी। इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के अधिष्ठाता (संसाधन एवं पूर्व छात्र) प्रो. अमेय करकरे, अधिष्ठाता (संकाय कार्य) प्रो. जितेंद्र के. बेरा, विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य, छात्र, कर्मचारी और अतिथि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
यह दिन आईआईटी कानपुर की उस भावना का उत्सव था जो देश को तकनीकी दृष्टि से आत्मनिर्भर, नवाचार में अग्रणी और विश्व मंच पर मजबूत पहचान देने की दिशा में निरंतर अग्रसर है।