कानपुर – शहर के लोगों के लिए खुशखबरी है। लंबे समय से जिस जाम की समस्या ने लोगों की रफ्तार को थाम रखा था, उससे अब जल्द राहत मिलने वाली है। शासन ने कानपुर के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक जरीब चौकी क्रॉसिंग और गंगाघाट स्थित पुराने गंगा पुल पर नए पुलों के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। इन दोनों परियोजनाओं को मंजूरी मिलने के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। दीपावली के बाद दोनों पुलों के निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत किए जाने की संभावना है।
जाम की समस्या से मिलेगी राहत
कानपुर शहर में ट्रैफिक जाम सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है, खासकर जरीब चौकी क्रॉसिंग और गंगाघाट पुल के आसपास। रोजाना हजारों की संख्या में वाहन इन मार्गों से गुजरते हैं। जरीब चौकी चौराहा तो शहर का ऐसा बिंदु है जहाँ से चार दिशाओं — रामादेवी, सेंट्रल स्टेशन, झकरकटी बस अड्डा और किदवई नगर — की ओर भारी ट्रैफिक रहता है। इसी तरह गंगाघाट पुल कानपुर और उन्नाव को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है, जहाँ से जीटी रोड होते हुए प्रयागराज, रायबरेली और लखनऊ की ओर वाहनों की आवाजाही होती है। पुराने गंगाघाट पुल की जर्जर स्थिति और सीमित क्षमता के कारण आए दिन ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न हो जाती थी।
दोनों परियोजनाओं को मिली शासन से मंजूरी
सेतु निगम के अनुसार, शासन से दोनों पुलों के निर्माण की औपचारिक मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। जरीब चौकी पर बनने वाले पुल का निर्माण ऋषिकेश की हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया है। वहीं, गंगाघाट पर नया पुल बनाने की जिम्मेदारी हरियाणा की केकेआर गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी को दी गई है।
दोनों परियोजनाओं के लिए बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है। जरीब चौकी पुल लगभग 1700 मीटर लंबा चार लेन का पुल होगा, जिसकी लागत लगभग ₹320 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह पुल इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि इससे चारों दिशाओं में यातायात सुगमता से संचालित हो सके। गंगाघाट पुल भी लगभग 1700 मीटर लंबा होगा और इस पर करीब ₹235 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
तैयारियां शुरू, विभागों को भेजे गए रिमाइंडर
सेतु निगम के अधिकारियों ने निर्माण कार्य में बाधा बनने वाले तमाम अतिक्रमणों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जरीब चौकी पुल परियोजना से जुड़े केस्को, सीयूजीएल, नगर निगम, जल निगम, जलकल विभाग और बीएसएनएल को अपने-अपने स्तर पर समन्वय करने के लिए रिमाइंडर भेजा गया है, ताकि पुल निर्माण में कोई तकनीकी या प्रशासनिक देरी न हो।
गंगाघाट पुल निर्माण कंपनी ने 10 अक्टूबर से मिट्टी परीक्षण (सॉयल टेस्टिंग) का कार्य शुरू करने की योजना बनाई है। परीक्षण के आधार पर पुल की नींव की गहराई और संरचना तय की जाएगी। इसके अलावा, आसपास के क्षेत्र में बिजली, पानी और दूरसंचार की लाइनों को व्यवस्थित करने का काम भी शुरू किया जाएगा।
स्थानीय जनता में उत्साह, व्यापारियों ने जताई राहत की उम्मीद
इन पुलों के निर्माण की खबर से स्थानीय जनता में उत्साह है। व्यापारिक संगठनों और औद्योगिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि इस परियोजना से शहर का यातायात सुधरेगा और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी। झकरकटी बस अड्डा, सेंट्रल स्टेशन और जीटी रोड के मार्ग पर लगने वाले लंबे जाम से रोजाना परेशान होने वाले वाहन चालकों को सबसे बड़ी राहत मिलेगी।
उन्नाव और कानपुर के बीच यात्रा करने वालों के लिए गंगाघाट पुल का निर्माण एक नई सुविधा साबित होगा। वर्तमान में पुराने पुल पर भारी वाहनों के गुजरने से जाम और हादसों की आशंका बनी रहती है। नए पुल के निर्माण से यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी।
दीपावली के बाद होगी शुरुआत
सेतु निगम के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर विजय कुमार सेन ने बताया कि शासन से दोनों पुलों की मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। फिलहाल प्रारंभिक तैयारियां चल रही हैं, जिनमें सर्वे, परीक्षण और विभागीय अनुमति की प्रक्रियाएँ शामिल हैं। दीपावली के बाद दोनों परियोजनाओं पर निर्माण कार्य शुरू करने की कवायद की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जरीब चौकी और गंगाघाट दोनों ही पुल शहर के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनके बन जाने से न केवल ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी, बल्कि कानपुर की कनेक्टिविटी में भी बड़ा सुधार होगा। पुलों का निर्माण पूरा होने के बाद शहर की परिवहन व्यवस्था अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बन जाएगी।
इन दोनों परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर कानपुर और आसपास के क्षेत्रों की जनता को आने-जाने में सुगमता मिलेगी, साथ ही औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। शासन की इस पहल को कानपुर के बुनियादी ढांचे में बड़ा सुधार माना जा रहा है।