दीपावली से पहले झोलाछापों पर गिरेगी स्वास्थ्य विभाग की गाज

मनीष गुप्ता
कानपुर। दीपावली में अब सिर्फ 10 दिन शेष हैं और त्योहारों का मौसम शुरू होते ही शहर में झोलाछाप डॉक्टरों और बिना लाइसेंस चल रहे अस्पतालों की सक्रियता बढ़ गई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट मोड में आकर सख्त अभियान चलाने की तैयारी की है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, हर साल दीपावली के आसपास ऐसे अवैध क्लीनिक और पैथोलॉजी सेंटर तेजी से सक्रिय हो जाते हैं, जो आम लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिदत्त नेमी ने सभी जोनों के चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अवैध रूप से चल रहे क्लीनिकों, नर्सिंग होम्स और बिना पंजीकरण वाले अस्पतालों की जांच करें। साथ ही नकली दवाइयों और गलत इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की भी तैयारी की जा रही है।
त्योहारों में बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा
दीपावली का मौसम न सिर्फ उत्सवों का, बल्कि स्वास्थ्य जोखिमों का भी समय माना जाता है। प्रदूषण, मिठाइयों और तले खाद्य पदार्थों के सेवन से पेट, लीवर और श्वास संबंधी बीमारियों में इजाफा होता है। पटाखों से जलने और आंखों की चोटों के मामले भी बढ़ जाते हैं। ऐसे में कई झोलाछाप डॉक्टर और अपंजीकृत क्लीनिक “सस्ता इलाज” या “तुरंत राहत” के नाम पर लोगों को भ्रमित करते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष दीपावली के समय शहर में करीब 68 अवैध क्लीनिक और 22 बिना पंजीकरण वाले नर्सिंग होम पकड़े गए थे, जिनमें से कई झकरकटी, फजलगंज, गोविंदनगर, नौबस्ता, किदवई नगर,बर्रा कल्याणपुर और बिठूर क्षेत्रों में संचालित हो रहे थे। इस वर्ष विभाग ने ऐसे सभी क्षेत्रों में विशेष निगरानी का निर्णय लिया है।

स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीमें गठित

सीएमओ कार्यालय के निर्देश पर तीन संयुक्त निरीक्षण टीमें बनाई गई हैं जिनमें औषधि निरीक्षक, उप मुख्य चिकित्साधिकारी और संबंधित थाने की पुलिस शामिल होगी। ये टीमें सुबह और शाम के समय औचक छापेमारी करेंगी।

विभाग ने यह भी तय किया है कि बिना लाइसेंस चल रहे अस्पतालों, पैथोलॉजी और क्लीनिकों को पहले नोटिस दिया जाएगा और तीन दिन में दस्तावेज प्रस्तुत न करने पर संस्थान को सील कर दिया जाएगा।

नकली दवाइयों और इंजेक्शन पर सख्त नजर

औषधि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दीपावली के दौरान नकली दवाइयों और दर्द निवारक इंजेक्शनों की बिक्री भी बढ़ जाती है। पिछले वर्ष बर्रा और चकेरी क्षेत्र में दो मेडिकल स्टोर्स से नकली इंजेक्शन बरामद किए गए थे। इस बार थोक विक्रेताओं को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि बिना बिल और लाइसेंस की दवाइयां बेचने पर लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा।

अवैध पैथोलॉजी भी जांच के दायरे में

सेहत के नाम पर फर्जी रिपोर्ट देने वाले अवैध पैथोलॉजी सेंटरों को भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इन संस्थानों से मान्यता प्रमाणपत्र और लैब टेक्नीशियन की योग्यता पत्र मांगे हैं। कई लैब्स पर “फर्जी रिपोर्ट” देने के आरोप पहले भी लग चुके हैं।

जनता से अपील: पंजीकृत डॉक्टरों पर ही करें भरोसा

सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने जनता से अपील की है कि वे इलाज के लिए केवल पंजीकृत डॉक्टरों और मान्यता प्राप्त अस्पतालों पर ही भरोसा करें। उन्होंने कहा, “त्योहार खुशियों का प्रतीक हैं, लेकिन किसी झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में पड़ना आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर किसी अवैध क्लीनिक या संदिग्ध डॉक्टर की जानकारी मिले तो तुरंत 104 हेल्पलाइन या स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें।”

त्योहार में सतर्कता ही सुरक्षा

त्योहारों की रौनक में स्वास्थ्य सुरक्षा की उपेक्षा न करने की अपील के साथ विभाग ने स्पष्ट कहा है कि इस बार किसी भी अवैध संस्थान को बख्शा नहीं जाएगा। दीपावली से पहले चलाए जा रहे इस अभियान का मकसद न केवल अवैध इलाज रोकना है, बल्कि जनता में यह संदेश देना भी है कि सेहत के साथ समझौता किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।

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