कार्यशाला में मधुबनी चित्रकला के विभिन्न रूप से रूबरू हो रहे लोग

कानपुर सर पदमपत सिंहानिया एजुकेशन सेंटर, कमला नगर में 05 दिसम्बर से 28 दिसम्बर तक एक माह की कार्यशाला का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला विद्यालय के छात्र छात्राओं अभिभावकों तथा समस्त कानपुरवासियों के लिए आयोजित की गई है। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त, विदेशों में अपनी कला प्रतिमा का परचम लहराने वाले, राष्ट्रपति सम्मान, चेतना समिति अवार्ड, विद्यापति संगीत अवार्ड, ताब पत्र से अलंकृत, जी 20 सम्मिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ लेने वाले तथा 2024 के पद्मश्री अवार्ड हेतु नामांकित मधुबनी कमाकारों शांति देवी एवं शिवन पासवान के मार्गदर्शन में इस कार्यशाला में मधुबनी चित्रकला के विभिन्न रूप से अवगत कराया जा रहा है। मधुन्नी चित्रकला पारंपरिक रूप में भारत के बिहार राज्य के मिथिला क्षेत्र के कई समुदायों की महिलाओं दद्वारा बनाई जाती थी। माना जाता है सर्वप्रथम मधुबनी चित्र राजा जनक ने राम सीता के विवाह के दौरान महिला कलाकारों से बनवाए थे। अपने असली रूप में तो ये चित्रकला गांवों में मिट्टी में लौपी गई झोपड़ियों में देखने को मिलती थी, लेकिन इसे अब कपड़े या फिर पेपर के कैनवास पर बनाने का प्रचलन हो गया है। इसके अंतर्गत चिर किसी प्रसिद्ध कहानी के अनुरूप बनाए जाते हैं। मिथिला के ग्रामीण क्षेत्रों में इस चित्रकला का प्रयोग मनोरंजन के रूप में किया जाता है जिसके अतर्गत लोग दर्शाई गई कहानियों को गायन के माध्यम से भी प्रस्तुत करते हैं। इन पंटिंग्स में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता है। ये रंग काजल, सिंदूर, हल्दी, गोबर इत्यादि से तैयार किए जाते हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्या भावना गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि नवीन शिक्षा नीति क्षेत्रीय चिरकाली तथा कलाकारों की प्रतिभा को जन-जन तक पहुंचाने हेतु कटिबद्ध है। अपनी सास्कृतिक विरासत को संरक्षित करना तथा उसका प्रचार-प्रसार करना नवीन शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य है। हमारा विद्यालय बच्चों के सडांगीण विकास हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि इसके पहले भी हमारे विद्यालय में पश्चिम बंगाल तथा आंध्र प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय रुयाति प्राप्त कलाकारों के मार्गदर्शन में विद्यालय के छात्र-छात्राओं सहित सम्पूर्ण नगरवासियों ने पवित्र एउम चेरियाल पेंटिंग्स को बनाने की कारा सीखी। इससे संबंधित पेटिंग्स का प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया जा चुका है जिसकी अपार सफलता का श्रेय सभी कानपुरवासियों को जाता है जिन्होंने अपनी भागीदारी से इन कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाई।एक माह के लिए आयोजित इस कार्यशाला में विद्यालय सहित सम्पूर्ण कानपुर नगर के छाम-सागर एवं लोग लाभान्वित हो रहे हैं। 28/12/2023 की इसके समापन दिवस पर पूरे महीने बच्चों के द्वारा बनाई गई चिनकाजी की प्रदर्शनी में दर्शाया जाएगा। इसके साथ ही प्रसिद्ध मधुबनी कलाकारों दद्वारा बनाई गई विभिन्न पेटिंग्स को भी इस अवसर पर प्रदर्शित किया जाएगा। विद्यालय प्रबंधन सदैव से देश की पारंपरिक विरासतों को संरक्षित करने के साथ-साथ आगामी पीढ़ियों को इनसे परिचित कराने तथा इसका ज्ञान देने का पक्षधर रहा है। पइचिक, बेरियन तथा मधुबनी चित्रकलाजी को प्रसन इसी की ही विभिन्न कड़िया है। सभी अभिभावकों ने भारतीय पारंपरिक कला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने तथा अपने बच्चों को राष्ट्रीय हयाति प्राप्त कलाकारों के कुशल मार्गदर्शन में सीखने का अवसर प्रदान करने के लिए विद्यालय की चेयरपर्सन मनीरमा गोविंद हरि सिंहानिया, वाइस चेयरमैन अभिषेक सिंहानिया, वाइस चेयरपर्सन श्रीमती वर्षा सिंहानिया तथा वाइस चेयरमैन वा डायरेक्टर श्री पार्टी पी कर के प्रति आभार व्यक्त किया।

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