कानपुर। तत्वासूत्र वाचन करते हुऐ विद्वत पंडित महावीर जैन जी ने बताया कि सत्य की मंजिल दूर अवश्य होती है पर उस पर चलने वाला पथिक मंजिल अवश्य पाता है । सन्दीप जैन “तिजारे वाले” ने बताया कि दस लक्षण महापर्व का धार्मिक क्रिया के अलावा महत्व इसलिऐ बढ जाता है क्योकि समाजिक सदभावना की वृद्धि होती है , युवक -युवकी सांस्कृतिक एवं धार्मिक क्रिया के माध्यम से जैन धर्म की कमाना को पकडते है , बच्चे के जीवन मे संस्कारो का बीजारोपण होता है ,बुजुर्ग वर्ग अपनी तप-साधना मार्ग को मोक्ष की ओर एक कदम और बढाते है । राष्ट गौरव जैनसंत कडवे प्रवचन से जन-जन के आराध्या मुनि तरूण सागर महाराज अपने प्रवचन से बोलते है मै मात्र सत्य बोलता था पता नही क्योकि लोगो का स्वाद कडवा होता है क्योकि सत्य तो सत्य होता न वह मीठा है न कडवा, मनुष्य का जीवन इतना कड़वाहट से भर हुआ है कि अमृत भी उसको जहर लगता है और सत्य अमृत समान है।संयोजक अनूप जैन नीटू भैया और उनका मण्डल 18 वर्षो से प्रतिदिन सायंकाल आरती करते हुऐ आ रहे है जिनके इस कार्य की अनुमोदना स्वर्ण समान माला पहनाकर भामाशाह गुरूभक्त श्री प्रदीप जैन “तिजारे वालो ” ने पूरे मण्डल के करीब 25 लोगो की । मण्डल के उपस्थित सदस्य अंकुर जैन ,मदुल जैन ,राहुल जैन गायक , अभय जैन , रितु जैन ,सोनिया जैन ,रूचि जैन ,निशी जैन ,साक्षी जैन ।
पर्वराज पर्युषण महापर्व का आज पांचवा दिन उत्तम सत्य धर्म है
