कानपुर। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के पूर्व निदेशक एवं वर्तमान में भारतीय शर्करा एवं जैव ऊर्जा संघ के सलाहकार प्रो. नरेंद्र मोहन को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित होने वाले चीनी एवं इथेनॉल एशिया सम्मेलन (23 से 25 सितंबर 2025) में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है।
प्रो. मोहन “चीनी उद्योग की स्थिरता के लिए चीनी-इथेनॉल संतुलन” विषय पर अपनी प्रस्तुति देंगे। इसमें वे बताएंगे कि भारतीय चीनी उद्योग ने किस प्रकार स्थायी व्यावसायिक मॉडल विकसित किया है, जिसके अंतर्गत घरेलू खपत और निर्यात की मांग पूरी करते हुए अधिशेष चीनी का उपयोग इथेनॉल उत्पादन में किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि इस रणनीति से न केवल चीनी की कीमतों में स्थिरता आई है बल्कि गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित हुआ है। साथ ही, पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण से स्वच्छ व हरित ईंधन उपलब्ध हो रहा है, जिससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी आई है। इसके अतिरिक्त कच्चे तेल के आयात में कमी लाकर विदेशी मुद्रा की बचत और ऊर्जा सुरक्षा में भी मजबूती मिली है। इस सम्मेलन में एशिया, यूरोप और अफ्रीका से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि भाग लेंगे। इससे यह आयोजन चीनी और जैव ऊर्जा क्षेत्र में ज्ञान साझा करने व अंतरराष्ट्रीय सहयोग का महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
बैंकॉक सम्मेलन में भारतीय चीनी उद्योग की रणनीति रखेंगे प्रो. नरेंद्र मोहन
