कानपुर-राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर के भौतिक रसायन अनुभाग में स्थित कान्फ्रेंस रूम में 15 नवंबर, 2024 को “जनजातीय गौरव दिवस” के तारतम्य में आजादी की बलि वेदी में मात्र 20 वर्ष की आयु में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर अश्वनी श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव (शर्करा) एवं संगीत सिंगला, सयुक्त सचिव, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार कृषि भवन नई दिल्ली तथा राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की निदेशक, प्रोफ़ेसर सीमा परोहा एवं संस्थान के अन्य आचार्यगण ने बिरसा मुंडा की फोटो पर माल्यार्पण एवं पुष्प आदि अर्पित कर नमन किया इस अवसर पर बोलते हुए अश्वनी श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों तथा कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद आदिवासियों को सीमित संसाधन के साथ संगठित कर अंग्रेजों के विरूद्ध विद्रोह की लौ जलाने वाली विभूतियों को सदियों तक याद किया जायेगा उनका प्रयास वंदनीय है संगीत सिंगला, सयुक्त सचिव ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर भारत सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस मनाने एवं मुंडा जी की स्मृति में 150 रुपए का सिक्का जारी कर सच्ची श्रद्धांजलि दी हैप्रोफेसर सीमा परोहा, निदेशक, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने कहा कि बिरसा मुंडा जैसी महान आत्माओं का जन्म भारत में होना हम सबके लिये गौरव की बात है आजादी की लड़ाई में उनका योगदान अविस्मरणीय है 56वीं एडवाइजरी बोर्ड की मीटिंग में केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लेते हुए संस्थान के विकास संबंधी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये प्रोफ़ेसर परोहा ने बताया कि संस्थान के सभी विभाग अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी शिद्दत से कर रहे हैं संस्थान के कई अनुसंधान पत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स एवं सेमीनार में छपे या पढ़े गये हैं कई महत्वपूर्ण पेटेंट कराये गये हैं और नये-नये विषयों पर अनुसंधान कार्य जारी हैं इस अवधि में शर्करा एवं संबद्ध क्षेत्रों को उल्लेखनीय सेवाएं देते हुए संस्थान ने काफी राजस्व अर्जित किया है प्रोफेसर परोहा ने कहा कि हमें विकासपरक योजनाओं को कार्यान्वित करने में सदा-सर्वदा मंत्रालय के जिम्मेदार अधिकारियों का पूर्ण सहयोग मिलता रहा है उसके लिये संस्थान उन सबका आभारी है हमारा समेकित प्रयास होगा कि विद्यार्थियों के हित के लिये नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर संस्थान द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों को अधिक रोजगारोन्मुख बनाया जायेगा आने वाले दिनों में संस्थान से शिक्षा प्राप्त कर निकलने वाले विद्यार्थी अपनी महत्वपूर्ण सेवाओं से न केवल देश अपितु समूचे विश्व को लाभान्वित कर संस्थान का नाम रोशन करेंगें।