दशलक्षण महापर्व के पावन प्रसंग पर तृतीय दिवस

कानपुर, दशलक्षण महापर्व के पावन प्रसंग पर तृतीय दिवस उत्तम आर्जव धर्म पर प्रातःकाल प्रथम शान्तिधारा धार्मिक जैन सुपौत्र भामाशाह गुरूभक्त प्रदीप जैन “तिजारे वाले” ध्दितीय सुधीर जैन एवं तृतीय परमेशवरी देवी जैन के ध्दारा की गई। सभी भक्तगणो ने संगीतमय पूजा-पाठ के साथ पुण्योदय मे वृद्धि की उसके पश्चात सागर से पधारे डॉ. आशीष जैन आचार्य ने कहा आर्जव के मायने है सरलता, सहजता परिणामों का भींग जाना सभी के प्रति किसमिस जैसा होना अंदर और बाहर एक होना। बालक के समान मन का होना ही आर्जव धर्म हैं किसी से कपट न करना या मन की सरलता को आर्जव कहते हैं।जिसके जीवन में सरलता होती है उसके जीवन में मायाचारी धोखाधड़ी और छलकपट नहीं होता है। मायाचारी करने वाले लोग जीवन में सदा दु:ख पाते हैं। वे प्रारंभ में तो सुख प्राप्त जैसा अनुभव करते हैं परंतु जब इसके परिणाम आते हैं तब उन्हें समझ आता है कि छलकपट करना कितना बड़ा अपराध हो गया है।रात्रिकाल मे सांस्कृतिक कार्यक्रम एकता जैन के ध्दारा आयोजित किया गया जिसमे एक लधु नाटिका गोम्टेशवर बाहुवली पर आधारित था जिसमे प्रमुख भूमिका शिखा जैन चर्चित जैन अलका जैन अरिहंत जैन ने की थी । जिसके उपरांत नाटिका से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी की गई जिसके प्रायोजक सुनीता जैन P.P थी ।कार्यक्रम मे उपस्थित हेम जैन विशाल जैन मन्त्री सचिन जैन,शैलेश जैन,संजय बजाज,सुनील जैन,अर्पित जैन आदि उपस्थित थे।

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