कानपुर ।
जस्ट फॉर एनवायरनमेंट संगठन द्वारा आयोजित वेबिनार के दौरान, प्रख्यात विशेषज्ञों ने नवीन प्रक्रिया प्रौद्योगिकियों और उपकरणों को अपनाकर चीनी रिफाइनरियों में पर्यावरणीय मुद्दे को कम करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की। वेबिनार में इंडोनेशिया, श्रीलंका, मिस्र, नाइजीरिया और थाईलैंड सहित विभिन्न चीनी उत्पादक देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अपने उद्घाटन भाषण में, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर के पूर्व निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने चीनी के रंग को कम करने के लिए फॉस्फोरिक एसिड और आयन एक्सचेंज रेजिन का उपयोग करके रिफाइंड शुगर उत्पादन की मौजूदा तकनीक को बदलने पर जोर दिया। इसके बजाय, हम इस उद्देश्य के लिए कार्बन डाइऑक्साइड और एक्टिव कार्बन का उपयोग कर सकते हैं, एक प्रक्रिया जो अधिक पर्यावरण अनुकूल होगी, जिसके परिणामस्वरूप कम लागत पर बेहतर चीनी गुणवत्ता प्राप्त होगी, प्रोफेसर मोहन ने कहा। उन्होंने कहा, अगर हम डिस्टिलरी फेर्मेटरों से कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं, तो लागत को और कम किया जा सकता है।
अनूप केसरवानी, निदेशक, केमिकल सिस्टम टेक्नोलॉजीज ने चीनी रिफाइनरियों में प्रदूषण को कम करने के लिए ब्राइन रिकवरी सिस्टम” लगाने पर चर्चा की। बी के सिंघल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूवाई ट्राइएनविरो प्राइवेट लिमिटेड ने पारंपरिक चीनी रिफाइनरियों में ताजे पानी के उपयोग और प्रदूषण को कम करने के लिए अभिनव एकीकृत ब्राइन और रिस वॉटर रिकवरी सिस्टम का विवरण प्रस्तुत किया। एस.पी. त्रिपाठी, मुख्य सलाहकार, मेसर्स ग्लोबल केनसुगर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी कंपनी द्वारा विकसित कार्बन और मेम्ब्रेन फ़िल्टर आधारित तकनीक प्रस्तुत की। उन्होने बताया की इस तकनीक के आधार पर भारत, ईरान और वियतनाम में कई चीनी रिफाइनरियाँ स्थापित की गई हैं। महेंद्र कुमार यादव, तकनीकी अधिकारी, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर ने रिफाइंड चीनी के उत्पादन के लिए नई तकनीकों को अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला ताकि पर्यावरण को प्रभावित किए बिना वांछित गुणवत्ता वाली चीनी का उत्पादन किया जा सके। उन्होंने “कार्बो फ्लोटेशन प्रक्रिया” के प्रयोग पर जोर देते हुए विभिन्न चीनी उत्पादक देशों में अपनाई गई विभिन्न प्रौद्योगिकियों की तुलना प्रस्तुत की। पांडु रंगा राव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी), मेसर्स श्रीजी प्रोसेस इंजीनियरिंग लिमिटेड ने रिफाइंड और स्पेशिलिटी शुगर्स के उत्पादन के लिए विभिन्न पर्यावरण अनुकूल तकनीकों पर चर्चा की।
चीनी रिफाइनरियों में पर्यावरणीय मुद्दे को कम करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की
