कानपुर
एनसीसी ग्रुप मुख्यालय कानपुर के अंतर्गत 17 उत्तर प्रदेश गर्ल्स बटालियन एनसीसी ने व्हीलर बैरक कैंट कानपुर में आयोजित 1 से 10 जुलाई 24 तक एनसीसी के 10 दिवसीय वार्षिक प्रशिक्षण शिविर को सफलतापूर्वक पूरा किया ।
बुधवार 10 जुलाई को कैंप क्लोजिंग एड्रेस के साथ संपन्न हुआ ।
अंतिम दिन शिविर में सैन्य गतिविधियों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए तथा शिविर के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले एनसीसी कैडेट्स को कैंप कमांडेंट कर्नल नीरज नैथानी एवं श्रीमती नैथानी द्वारा मेडल देखकर सम्मानित किया गया।
शिविर की अवधि 10 दिन की थी जिसमें लगभग 392 सीनियर डिवीजन एवं जूनियर डिवीजन एवं विंग के एनसीसी कैडेट्स
व 4 एसोसिएट एनसीसी अधिकारियों ने भी भाग लिया ।
शिविर के दौरान कैडेट्स को सैनिक विषयों विषयों रेंज ड्रिल, फायरिंग, फुट ड्रिल, खेल मैप रीडिंग, जजिंग डिस्टेंस, कम्युनिकेशन आदि विषयों का प्रशिक्षण दिया गया।
इसके अतिरिक्त कैडेट्स के सर्वांगीण विकास के लिए शिविर के दौरान कैडेट्स को विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान भी दिए गए ।आपदा प्रबंधन, यातायात प्रबंधन, साइबर सिक्योरिटी, सर्विस सिलेक्शन बोर्ड आदि।
इसके अतिरिक्त एनसीसी कैडेट्स को आधुनिक संसाधनों से जोड़े रखने के लिए ड्रोन वर्कशॉप का भी आयोजन किया गया। कैडेट्स के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनके नेत्रों और फेफड़ों की जांच के लिए मेडिकल ऑफिसर्स के द्वारा निशुल्क जांच भी की गई।
योग प्रशिक्षक द्वारा तीन दिवसीय योग शिविर का भी आयोजन भी कैंप के दौरान किया गया । कैंप के अंतिम दिन कैडेट्स को संबोधित करते हुए कैंप कमांडेंट कर्नल नीरज नैथानी ने कहा कि हमने कैडेट्स को कैंप में सैनिक गतिविधियों के साथ-साथ अन्य विषयों पर भी जानकारी देने का भरपूर प्रयास किया जिन विषयों पर इस कैंप में जानकारी देना संभव नहीं हो पाया उनको अगले कैंप में पूरा किया जाएगा ।
उन्होंने कहा की वह स्वयं एक एनसीसी कैडेट रह चुके हैं इसलिए अपने एनसीसी कैंप की यादों को उन्होंने आज भी सहेज रखा है । उन्होंने कैडेट्स को बताया की जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है ।
एनसीसी हमें सैन्य गतिविधियों के साथ-साथ सामुदायिक रूप से एक दूसरे के साथ रहना वह टीम भावना भी सिखाती है।जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए स्वयं अनुशासन व शिक्षा के साथ स्वयं को अपग्रेड करना भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने बताया महिलाओं के साथ-साथ आज पुरुषों को भी स्वयं को एंपावर करने की उतनी ही आवश्यकता है। दोनों के सर्वांगीण विकास से ही राष्ट्र का विकास संभव है यदि जीवन में सफल न भी हो सके तो एक योग्य नागरिक अवश्य बने। अंत में उन्होंने उन्होंने अपनी टीम को धन्यवाद देते हुए कहां कि उनके सहयोग के बगैर दस दिवसीय कैंप का सफलतापूर्वक समापन संभव नहीं था।