107 बीघे से अधिक 39 अवैध प्लाटिंग धारकों को चिन्हित कर दर्ज कराई गई प्राथमिकी

कानपुर-उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा कानपुर विकास क्षेत्र के अन्तर्गत अवैध, अनाधिकृत निर्माण, विकास कार्य पर अंकुश लगाये जाने हेतु जीरो टालरेंस की नीति के क्रम में गुरुवार को डा० रवि प्रताप सिंह, विषेष कार्याधिकारी प्रवर्तन (जोन-1) उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में शैलेन्द्र सिंह सहायक अभियन्ता, सीबी पाण्डेय क्षेत्रीय अवर अभियंता तथा सुपरवाइजरों की संयुक्त टीम ने विकासकर्ताओ द्वारा अवैध रूप से विकसित की गई 39 अवैध प्लाटिंग को चिन्हित कर विकासकर्ताओं के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने हेतु तहरीर संबंधित थानाध्यक्षों को प्रेषित की गई प्राधिकरण में अब तक के इतिहास में इतने बड़े पैमाने पर विकासकर्ताओं के विरूद्ध प्राथमिकी की कार्यवाही पहली बार की गई है जिनमें 107 बीघे से ज्यादा अनाधिकृत प्लांटिग की जा रही थी जो कटरी ब्योरा, हिन्दूपुर, धर्मपुर, प्रतापपुर हरी, चिराग गाँव, वृदावनधाम सोसाइटी, सिंहपुर कछार आदि की जमीन है इनमें शहर के गणमान्य लोगों राघवेन्द्र गर्ग, किशोर निषाद, सोनू यादव, अजय यादव व भूपेन्द्र सिंह भदौरिया, मुरारी लाल, श्याम लाल सोनू यादव आदि, सुनील कुमार, मृदुल जौहरी, राधेश्याम पुत्रगण गंगाराम, सूरजवली शंकर लाल पुत्र मोहन लाल, डा० आनन्द गुप्ता, महेश चन्द्र गुप्ता, सोनू यादव आदि अनुराग गुप्ता दयाल फार्म हाउस, विजय लांबा (नमो प्लाटिंग), महादेवा तेजा, बलराम सिंह, अनुराग गुप्ता दयाल फार्म हाउस, रामबाबू, प्रिया गुप्ता, मुन्ना लाल, छेदीलाल यादव, संजय, तुलसी राम आदि, प्रेम स्वरूप महेश्वरी आदि, हाकिम सिंह आदि, अवधेश कटियार (नमो प्लाटिंग), रामाकिशन, सुमित कुमार, किशोर प्रधान आदि की जमीन शामिल हैं विकासकर्ताओं द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से की गई प्लाटिंग, विकास कार्यों के प्रति आम जनमानस को जागरूक करना, जिससे वह आने वाली मुसीबतों से बच सकें प्राधिकरण के विकास क्षेत्र के अन्तर्गत विकासकर्ताओं को विकास कार्य प्लाटिंग का कार्य करने पूर्व प्राधिकरण से तलपट मानचित्र अनिवार्य रूप से स्वीकृत कराना ताकि समग्र एवं सुनियोजित नगर विकास के आदर्श को धरातल पर उतारा जा सकें केडीए ने सर्व साधारण से अपील की जाती है कि प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित प्लाटिंग में भूमि क्रय किये जाने से पूर्व प्राधिकरण से ले-आउट स्वीकृत की जानकारी स्वयं प्राप्त करने के उपरान्त भूमि क्रय करना सुनिश्चित करें प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराकर ही भवन का निर्माण करना सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में सम्भावित आर्थिक, मानसिक क्षति से बचा जा सकें।

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