कानपुर-लोकसभा चुनाव का परिणाम मंगलवार को घोषित किया गया चुनाव में दोनो गठबंधन की कांटे की टक्कर रही। इस परिणाम के मायने सभी दलों खोजनें की जुगत में लगे हुए है सरकार बनाने के लिए एनडीए के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल भी चुका है फिर भु गड़ी गठबंधन के दलों ने अपनी कवायत तेज कर रखी है कि मोदी की सरकार ने आ सके।इस बीच एक अप्रत्याशित घटना और हो गई जिस पर किसी का ध्यान नहीं जा सका नीट ने अपना परिणाम घोषित किया जिस पर की सवालिया निशान खड़े कर दिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के द्वारा डाक्टर्स की प्रारंभिक परीक्षा करायी जाती है। जिससे छात्रों के भविष्य जुड़ा होता है। जिसमें छात्र पूरे साल या कई-कई साल तैयारी करता है और प्रारंभिक परीक्षा में बेहतर करने की कोशिश करता है, जिससे रैंकिंग मिल जाये और वह सरकारी मेडिकल कालेज में पढ़ाई कर सके। प्रारंभिक परीक्षा फरवरी माह में आयोजित की गई और परिणाम 15 जून को आना था। सभी छात्र 15 जून के इंतजार में थे। फिर ऐसा क्या हो गया जो आनन-फानन में नौ दिन पहले परिणाम घोषित कर दिए गये। जब चुनाव में मतगणना की गिनती चल रही थी।कामदेव कोचिंग मौड़ी में सभी हतप्रभ रह गये, जो 15 जून के इंतजार में थे। बहुत से कोचिंग संस्थान तो मानने को ही तैयार नहीं हुए कि नीट का रिजल्ट आ गया। फिर उन्होंने जानकारी की तो बात सच निकली। किसी के गले से ही नहीं उतर रहा था कि परिणाम की तारीख से नौ दिन पहले नीट का रिजल्ट आ गया। वहीं, कोचिंग मंडली के बड़े संस्थान जो कि छात्रों के भविष्य के प्रति अपने संस्थान का दम भरते थे। उन्होंने बताया कि नीट में आज तक के इतिहास में पहली बार होते तो नहीं देखा कि जब रिजल्ट का दिन आता था उससे पहले ही एक-दो विलंब होने की बात तो हो जाती थी। परंतु नौ दिन पहले रिजल्ट आ जाना की सवाल और विवाद खड़े करता है। देश की इतनी बड़ी संस्था जो परीक्षा कार्य संपन्न क्रांति है। उसका भी अपनी प्रणाली पर पूर्णतया कंट्रोल नहीं है उस पर भी रसूख और बड़े लोग जैसा चाहते कर सकते हैं सवाल यह उठता है कि लोकसभा मतगणना के ही दिन नीट का परिणाम आना हजम नहीं हो रहा
ऐसी क्या जल्दी थी जो चुनाव परिणाम के पहले ही नीट का परिणाम घोषित किया
