सत्य सनातन परिवारों को बचाने के लिए करें नशे का सामूहिक विरोध…ज्योति बाबा
विकसित भारत का संकल्प नशा मुक्ति महिला के बिना असंभव..ज्योति बाबा
मातृशक्ति को नशे के रोग से बचाना हर राम भक्त का धर्म… ज्योति बाबा
नशे के सेवन से पुरुष बना राक्षस तो महिला बनी पूतना.. ज्योति बाबा
कानपुर। ज्यादातर लड़कियां दारु पीने के बाद ज्यादा से ज्यादा रोमांस करना और खुलकर दिल की बात करना पसंद करती हैं फिर चाहे वह कोई भी हो, ज्यादा लड़कियां दारु पीने के बाद अपनी फिलिंग्स को बताते हुए गाना गाना ज्यादा पसंद करती हैं आजकल बड़ी-बड़ी पार्टी में दारु पीना आम बात हो गई है और लड़कियां भी वहां अगर पार्टी का हिस्सा है तो वह दारू जरूर पीती हैं क्योंकि उनके शरीर पर दारू का एक अलग ही रिएक्शन होता है उपरोक्त बात नशा मुक्त भारत अभियान के तहत सोसाइटी योग ज्योति इंडिया व पीपल लाइफ सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार शीर्षक लड़कियों में बढ़ता शराब का प्रचलन स्वस्थ परिवार के लिए एक बड़ी बाधा पर अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख योग गुरू ज्योति बाबा ने कही,ज्योति बाबा ने आगे कहा कि शराब से एक बड़ा खतरा कार्डियोमायोपैथी का होता है क्योंकि अल्कोहल इनटेक से आपको हाइपरटेंशन की समस्या होती है इनके कारण हार्ट की मसल्स ज्यादा वीक हो जाती हैं जो हार्ट फेल्योर का कारण बनती हैं वरिष्ठ समाजसेवी दीप कुमार मिश्रा (सी ए) ने जोर देकर कहा कि वर्ड ओबेसिटी फेडरेशन ने अपनी एक रिपोर्ट में यह चेतावनी दी कि साल 2035 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी मोटापे का शिकार हमारी बिगड़ी लाइफस्टाइल यानी शराब सेवन प्रमुख रूप से बनेगी। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एल्कोहलिक लिवर इंजरी होने की संभावना ज्यादा होती है महिलाएं एक हफ्ते में सात ड्रिंक से ज्यादा पी रही है तो उनमें ए एल डी हो सकता है गुरुग्राम से हेल्थ इंडिया के अध्यक्ष डॉ आर पी भसीन ने कहा कि अल्कोहल नशा का सेवन आपके मासिक धर्म चक्र यानी मेंस्ट्रूअल साइकिल को प्रभावित करता है और यह ब्रेस्ट कैंसर का कारण भी बन सकता है शराब सेवन से गर्भपात, स्टिल बर्थ और समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ जाता है, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सिरोसिस और शराब से संबंधित अन्य लीवर रोगों का खतरा अधिक होता है शराब का सेवन से यौन हिंसा बढ़ सकती है गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय शराब पीना सुरक्षित नहीं है मैं एक डॉक्टर के रूप में देश की बेटियों को सलाह देता हूं आधुनिकता की अंधी दौड़ में शराब का सेवन किसी भी रूप में उचित नहीं है यह आपका पारिवारिक जीवन में बड़ी कलह का कारण बनेगा,जिसका हल समाज सरकार व आपके परिवार के पास नहीं होगा, इसीलिए पहले ही चरण में शराब सेवन से तौबा कर लें। समाजसेवी गिरीश मिश्रा ने कहा कि आज शादी के एक साल के अंदर परिवार टूटने में प्रमुख भूमिका नशा व मोबाइल निभा रहा है पीपल लाइफ सोसायटी के राजेश गुप्ता व विकास गौड़ एडवोकेट ने कहा कि अल्कोहल एक डिप्रेसेंट है यह दिमाग और तंत्रिका तंत्र के कामकाज को धीमा कर देता है बहुत जल्दी-जल्दी या नियमित रूप से ज्यादा शराब पीने से स्वास्थ्य की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं जिससे अंग बेकार,कोमा और मृत्यु हो सकती है अंत में योग गुरू ज्योति बाबा ने सभी को नशा मुक्त जीवन पद्धति अपनाने का संकल्प कराया। अन्य प्रमुख मनोज गुप्ता पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शुक्लागंज,वूमेन एक्टिविस्ट अनीता दुआ,प्रदीप बिश्नोई दिल्ली,सोशल एक्टिविस्ट गीता पाल इत्यादि थी।