डीएम ने परिनिन्दा प्रविष्टि दर्ज करने और कड़ी कार्यवाही के दिए निर्देश
कानपुर-विवादित जमीन सोले में मिलीभगत और अभिलेखीय हेरफेर के दोषी पाए गए कानूनगो (राजस्व निरीक्षक) आलोक दुबे पर शिकंजा कस गया है जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने उन्हें पदोन्नति-पूर्व मूल पद लेखपाल पर रिवर्ट करने के साथ सेवा पुस्तिका में परिनिन्दा प्रविष्टि दर्ज करने का आदेश दिया है साथ ही थाना कोतवाली में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है डीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जमीन का खेल करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा यह सख्त कार्यवाही एडीएम न्यायिक, एसडीएम सदर और एसीपी कोतवाली की तीन सदस्यीय समिति की विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है 17 फरवरी 2025 को आलोक दुबे को निलंबित किया गया था 6 मार्च को चार बिंदुओं पर आरोपपत्र जारी हुआ और 21 अगस्त तक व्यक्तिगत सुनवाई की गई। इस दौरान 25 मार्च को थाना कोतवाली, कानपुर नगर में एफआईआर दर्ज कराई गई जांच अधिकारी ने सभी आरोप अनुचित बैनामा, मिलीभगत, दुरभिसंधि, बिना अनुमति भूमि क्रय-विक्रय तथा आचरण नियमों का उल्लंघन-सिद्ध माने। सहायक महानिरीक्षक निबंधन की रिपोर्ट में उनकी 41 संपत्तियों का खुलासा भी हुआ डीएम ने आदेश में कहा कि एक ही दिन में वरासत और बैनामा कराना तथा अल्प अवधि में जमीन बेचना राजस्व अभिलेखों की शुचिता और जन-विश्वास को गहरा आघात पहुंचाने वाला है इसी आधार पर आलोक दुबे को कानूनगो संवर्ग से हटाकर लेखपाल पद पर रिवर्ट किया गया है