साप्ताहिक श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन कथा एवं सनातन सत्संग महोत्सव का हुआ समापन

भारतीय सनातन संस्कृति को अपनाएं, सनातन धर्म के प्रति जागरूक हो, पं० शिवा कान्त जी महाराज

अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पं० शिवा कान्त जी महाराज

हँसारी झाँसी ! साप्ताहिक श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन कथा एवं सनातन सत्संग महोत्सव के समापन के दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पं० शिवा कान्त जी महाराज द्वारा श्रोता समाज को समझाया गया कि सुदामा ही जीव है सुशीला ही बुद्धि है बुद्धि रूपी सुशीला से जीव रूपी सुदामा प्रेरित होकर के जब परमात्मा की शरणागति ग्रहण करता है तो उसे परम गति प्राप्त होती है सुदामा जी को भगवान ने द्वारिका जैसी संपत्ति प्रदान कर दी लेकिन सुदामा जी ने उसका उपभोग नहीं किया और अंत में परमधाम को प्राप्त किया कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाह के विषय में विस्तार पूर्वक श्रोता समाज को समझाया एवं बेटियों के विषय में वर्णन किया समाज से अपील करते हुए कथा व्यास ने बताया कि बेटियों को मारना नहीं चाहिए बल्कि बेटियों को जन्म देने की जरूरत है बेटियां घर की लक्ष्मी होती है जो कि हर किसी को प्राप्त नहीं होती है बहुत सौभाग्यशाली वह व्यक्ति होते हैं जिनके यहां पर बेटियां जन्म लेती हैं यही बेटियां आगे चलकर दो परिवारों के मिलन का अहम हिस्सा बनती हैं इसलिए आप सभी लोग बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ आज की कथा में सुदामा जी की झांकी दिखाई गई एवं राधा कृष्ण के साथ में श्रोता समाज ने फूलों की होली खेली गई फूलों की होली कार्यक्रम में श्रोता समाज झूमते एवं नाचते हुए दिखाई दिए फूलों की होली के साथ में कथा का विराम हुआ कार्यक्रम के प्रधान यजमान एवं आयोजक पूजा पत्नी नितेंद्र रघुवीर राय फौजी, बबीना से कई बार विधायक रहे उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रतनलाल अहिरवार, उत्तर प्रदेश के 75 जिलों से दूर-दूर से कथा सुनने भक्तगण हँसारी पहुंचे श्रीमद् भागवत परिवार सेवा समिति के तत्वाधान में 15 कन्याओं का सामूहिक विवाह कल संपन्न कराया जाएगा
कथा की पूरी विस्तार पूर्वक जानकारी महाराज श्री के पीआरओ पं० उत्तम शुक्ल द्वारा दी गई कथा के दौरान यहां के बड़े बुजुर्ग भावुक दिखे जिन्होंने व्यास पीठ पर पहुंचकर व्यास जी का सम्मान करते हुए बताया कि व्यास जी के द्वारा बहुत सुंदर अच्छे तरीके से हम सभी को भारतीय सनातन संस्कृति के बारे में बताया एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन पवित्र कथा सुनाई गई महाराज श्री ने बताया कि सनातन का दूसरा नाम है सदातन जो सदैव तना रहेगा सनातन का मूल्य उद्देश्य है भगवान विष्णु विश्व की धरा पर जब तक एक भी मनुष्य जीवित है तब तक सनातन जीवित हैं विश्व में सनातन के अलावा जो भी पंत मजब है विश्व में केवल एक ही धर्म है जोकि सनातन ही है और रहेगा प्रत्येक विश्व के नागरिक को सनातन मय होना चाहिए और सनातन संस्कृति को मनाना चाहिए महाराज श्री के द्वारा बताया गया महाराज श्री ने श्रोता समाज से को बताया की प्रत्येक मनुष्य को एक वृक्ष लगाना ही चाहिए क्योंकि एक वृक्ष अपने पुत्र के समान होता है प्रत्येक मनुष्य को पानी भी बचना चाहिए प्रत्येक मनुष्य को धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए भारतीय सनातन संस्कृति कभी भी लड़ाई झगड़ा आपसी मतभेद नहीं सिखाती है आदि उक्त बातें महाराज श्री के द्वारा श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन कथा में बताई गई

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