मनीष गुप्ता
कानपुर। चिकित्सकों ने एक एनेस्थीसिया से दो आपरेशन किए। ये आपरेशन न सिर्फ सफल हुआ बल्कि दो जिंदगियां तक बचाईं। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज के चिकित्सकों की इस उपलब्धि की हर तरफ तारीफ की जा रही है। वहीं इस प्रयोग से मरीजों को एक नई उम्मीद बंधी है। गर्भावस्था में ब्रेन ट्यूमर की गंभीर समस्या से जूझ रहीं फतेहपुर के चंदनपुर गांव की 25 वर्षीय प्रियंका को जीएसवीएम मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने नया जीवन दिया है। मेडिकल कालेज के गायनी और न्यूरो सर्जरी विभाग के डाक्टरों की टीम के साझा प्रयास के चलते उनके साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु की जान बचाई जा सकी। डाक्टरों की टीम ने गर्भवती की स्थिति को देखते हुए एक एनेस्थीसिया देकर दो सर्जरी करने में सफलता हासिल की। गायनी विभाग की टीम ने सर्जरी कर जहां शिशु का जीवन बचाया। वहीं, न्यूरो सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों ने महिला के दिमाग से क्रिकेट बाल के आकार का कैंसर ट्यूमर निकाला।
डॉक्टर को धरती का भगवान क्यों कहा जाता है, यह बात जीएसवीएम मेडिकल कालेज के गायनी और न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने एक बार फिर सार्थक कर दी। यहां ब्रेन ट्यूमर की समस्या से ग्रसित गर्भवती में एक ही एनेस्थीसिया देकर दो सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। गायनी विभागाध्यक्ष प्रो. रेनू गुप्ता के साथ डा. करिश्मा शर्मा, डा. नीलू श्रीवास्तव, सूल्फिया ने सर्जरी कर महिला की सुरक्षित प्रसव कराया।
वहीं न्यूरो सर्जरी विभाग की डा. आंचला दत्ता और डा. प्रियेश ने ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी की। डा. रेनू गुप्ता ने बताया कि दो महीने पहले प्रियंका ओपीडी में भर्ती हुई। जिसकी गर्भावस्था की जांच के दौरान ब्रेन में ट्यूमर का खतरा दिखा। इस पर उन्हें सुपर स्पेशलिस्ट ब्लाक के न्यूरो सर्जरी विभाग में रेफर किया गया। जहां पर न्यूरो सर्जन डा. आंचल दत्ता ने सीटी रिपोर्ट कराई। इसमें कैंसर ट्यूमर की पुष्टि के बाद दो सप्ताह पहले सर्जरी की योजना बनाई गई।