मुस्कान मुंबई:-फिल्म विक्की विद्या का वो वाला वीडियो को लेकर विवाद कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। अमित गुप्ता ने अपना अगला कदम उठाया, जिससे फिल्म विक्की विद्या का वो वाला वीडियो के निर्माता भूषण कुमार किशन कुमार एकता कपूर शोभा कपूर बिपुल डी शाह राजा सांडिलिया, विमल लाहोटी, अश्विन भारे और राजेश बहल पर भारी पड़ सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेटफ्लिक्स ने 6 दिसंबर को फिल्म विक्की विद्या का वो वाला वीडियो को अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने की घोषणा की थी। अमित गुप्ता ने तुरंत कार्रवाई करते हुए फिल्म के सभी निर्माताओं के साथ-साथ नेटफ्लिक्स को 5 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया नेटफ्लिक्स ने तुरंत ही फिल्म विक्की विद्या के उस वीडियो की रिलीज डेट 6 दिसंबर से बदलकर 7 दिसंबर कर दी। माना जा रहा है कि इस अचानक बदलाव के पीछे अमित गुप्ता का हाथ हो सकता है। फिलहाल मामला अभी कोर्ट में है। मीडिया से मुलाकात के दौरान अमित गुप्ता ने बताया कि वह ऐसा कदम उठाने जा रहे हैं जिससे उन्हें न्याय मिलने में मदद मिलेगी। अमित गुप्ता ने यह भी कहा कि वह भारत के हर लेखक को उनके अधिकारों के बारे में बताने के लिए लड़ रहे हैं। देश में ऐसे कई लेखक हैं, जिनकी रचनाएं चुरा ली जाती हैं और उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है। पूरी जिंदगी वह बड़े लोगों के दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं। उन्हें उनका अधिकार मिलना तो दूर, उन्हें सम्मान भी नहीं दिया जाता। उन्हें इतना दबाया जाता है कि वह अपने अधिकार भी भूल जाते हैं। अमित गुप्ता ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मैं उन सभी लेखकों के लिए लड़ रहा हूं ताकि भविष्य में कोई उनकी रचनाएं चुराने की हिम्मत न कर सके। मेरी जीत अकेले मेरी जीत नहीं होगी बल्कि यह उन लाखों लोगों की जीत होगी जिनकी रचनात्मकता चुराई जाती है। मेरी जीत से उन लोगों को सबक मिलेगा जो बेखौफ होकर रचनात्मक लोगों की रचनाएं चुराते हैं। उन सभी चोरों को एहसास होगा कि एक लेखक के क्या अधिकार होते हैं। एक समय था जब फिल्म इंडस्ट्री में लेखकों की कोई इज्जत नहीं होती थी. उनके साथ किसी बिजनेसमैन के अकाउंटेंट की तरह व्यवहार किया जाता था. बॉलीवुड में एक महीने पुराना एडिशन आया. सलीम जावेद का एडिशन. जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग जगह बनाई और साथ ही लेखकों को इज्जत भी दिलाई. और पूरी फिल्म इंडस्ट्री को बताया कि एक फिल्म के अंदर एक लेखक की क्या अहमियत होती है. अमित गुप्ता फिल्म इंडस्ट्री के अंदर ऐसा ही बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. एक लेखक के लिए उसका परिवार, उसकी दौलत सब कुछ उसकी रचना ही होती है. एक लेखक अपनी कहानी का अपने बच्चे की तरह ख्याल रखता है. जैसे एक पिता अपने बच्चे को छोटी सी खरोंच लगने पर तड़पता है वैसे ही एक लेखक भी तब तड़पता है जब उसकी कहानी का गलत जगह इस्तेमाल होता है. और जब वो रचना जो लेखक के लिए उसके बच्चे की तरह होती है उसे उसकी आंखों के सामने कोई चुरा ले जाए तो उसे कैसा लगेगा ये हर पिता भलीभांति समझ सकता है. अमित गुप्ता ने हर लेखक के लेखकों से अनुरोध किया है कि वो अपने हक को पाने के लिए आगे आएं, वो आपकी कमजोरी जानते हैं और इसीलिए वो आपका फायदा उठाते हैं. उनके सामने कमज़ोर दिखने की ज़रूरत नहीं है, अपने अधिकारों को समझें, अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए आगे बढ़ें, आपकी हिम्मत ही आपकी ताकत है, भारत की न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें। एक दिन आपको न्याय ज़रूर मिलेगा। अपनी फ़िल्म विक्की विद्या के उस वीडियो के निर्माताओं के खिलाफ़ अमित गुप्ता की लड़ाई का क्या अंजाम होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। अमित गुप्ता का अगला कदम क्या होगा, यह अभी भी उन्होंने गुप्त रखा है। लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि उन्हें न्याय ज़रूर मिलेगा।
मैं यह लड़ाई भारत के हर लेखक को उनके अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं। लेखक अमित गुप्ता ने कहा कि मुझे न्याय जरूर मिलेगा
