कानपुर, आज दिनांक 12 नवम्बर को गुरुद्वारा बाबा नामदेव समिति कानपुर कक्षत्रिय टांक सभा द्वारा गुरुद्वारा बाबा नामदेव मे नामदेव का जन्म दिहाडा व गुरूनानक देव के पावन आगमन प्रकाशपर्व को समर्पित सुबह-शाम गुरुमत समागम हुए सुबह की दीवान मे हजूरी रागी, हरदीप सिंह ने भगत जी की वाणी के शबद पढे। शाम के दीवान मे कुलदीप सिंह राजा, हजूरी रागी गुरुद्वारा चौक कीरतन द्वारा शबद-
।। ज्यों ज्यों नामा हरि गुण उचरै भगत जना का देहूरा फिरै।।
।। मैं बउरी मेरा राम भनार रच-रच ताकउ करू श्रृंश्रृंगार।।
।। सोने की सुई रूपै का धागा नामै का चित हरि सिउ लागा।।
बताया गया शिरोमणि भगत नामदेव जी का जन्म महाराष्ट्र मे नरसी गाँव जिला सपारा मे गुरूनानक देव जी से लगभग 200 वर्ष पहले हुआ था। इन्होनें छीपरी जाति मे प्रभू की नाम सिमरान अराधना करते हुए कलयुग जैसे समय में 72 बार ईश्वर के दर्शन किये इनकी वाणी श्री गुरुग्रंथ साहेब मे 18 रागो 61 शब्दो के रूप में अंकित है जिसको सम्पूर्ण गुरुनानक नामदेवा संगत नितप्रति गुरुद्वारों मे व घरों मे पढती है साथ ही मे श्री गुरुनानक देव जी का पावन प्रकाश उत्सव जो 15 नवम्बर को है उसके आगमन के शबद संगत द्वारा पढकर फूलो की बरखा की गई विशेष रूप से चडदीकला कानपुर के सुमित सिंह द्वारा श्री कथा वाचक भाई पिन्दर पाल जी पंथ प्रशिद्ध प्रचारक की गुरुनानक देव की आगमन की कथा संगत को दिखाई सुनाई गई आई हुई संगतो ने गुरूनानक देव के बताये गये सिद्धान्तो मार्ग पर चलने का प्रण लिया। गुरु के अटूट लंगर आतिषबाजी व गुरुद्वारा साहेब की सजावट प्रकाश किया गया। विशेष रूप से सेवा करने वाले सरदार चरण जीत सिंह, कुलवंत सिंह, गुरदीप सहगल, अमर जीत पम्मी, आशोक अरोडा, रजिन्दर काके, बहन सुरिन्दर कौर, बलजीत नीना, आमरजीत इन्दू आरोडा।