कानपुर
आज बाल रोग अकादमी, कानपुर ने नारायण मेडिकल कॉलेज, पनकी में किशोर स्वास्थ्य देखभाल सप्ताह के अंतर्गत एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बाल रोग अकादमी के अध्यक्ष डॉ. यशवंत राव ने बताया कि कठिन समय में सकारात्मकता कैसे बनाए रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में सकारात्मक सोच बनाए रखना कठिन हो सकता है।
इसलिए, अपने सोचने के तरीके को नया रूप देने और उज्ज्वल क्षणों को पहचानने के लिए, आभार व्यक्त करना, नकारात्मक विचारों को चुनौती देना, वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना, सकारात्मक लोगों के साथ रहना, और ध्यान या गहरी श्वास तकनीक अपनाना मददगार हो सकता है। हंसी को सर्वश्रेष्ठ औषधि बताया गया, जबकि आत्म-देखभाल जैसे स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम से ऊर्जा और सहनशक्ति मिलती है।डॉ. तानू मिड्दा ने बताया कि मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में शोध से यह स्पष्ट हुआ है कि सफल, खुश और फलते-फूलते व्यक्ति में उच्च भावनात्मक बुद्धिमत्ता होती है। अनुसंधान यह भी दर्शाता है कि लचीलापन (रेसिलिएंस) सफल जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण गुण है, जो तब प्रकट होता है जब सकारात्मक जीवन अनुभव नकारात्मक अनुभवों से अधिक होते हैं।इस कार्यक्रम में डॉ. राहुल चतुर्वेदी, डॉ. प्रशांत, डॉ मोहसिन, डॉ. अंशिका और 70 अन्य चिकित्सकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किशोरों में नकारात्मक सोच और अवसाद से बचने के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाना था।