कानपुर।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ (WFMH) द्वारा 1990 के दशक से मानसिक रोगी के प्रति जागरुकता बढ़ाने और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य संसाधनी और सेठाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक वर्ष 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ (WFMH) द्वारा इस वर्ष का थीम है ‘कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना है। पाष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2015-16) के अनुसार, भारत की लगभग 13.7% जनसंख्या विभिन्न प्रकार के मानसिक विकारों से पीडित है। इनमें से 10.6% लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। शहरी क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य विकारों का प्रचलन ग्रामीण क्षेत्री की तुलना में अधिक है।
मानसिक रूप से स्वस्थ कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए यहां कुछ प्रभावी कदम दिए गए
1. वर्क लाइफ बैलेस को बढ़ावा दें। काम करने की जगह एवं जीवन शैली में संतुलन बनाए रखें जैसे कार्यस्थल पर छोटे छोटे पांच मिनट के ब्रेक लें।
2. सौहार्दयपूर्ण कार्य वातावरण बनाएं
मानसिक समस्याओं के बारे में खुली बातचीत करे जिससे एक ऐसा वातावरण तैयार करें जहां कर्मचारी जिन्ना किसी डर के मानसिक स्वास्थ्य पर चचर्चा करने में सहज महसूस करें।
3. शारीरिक गतिविधियी फिजिकल एक्टिविटी को प्रोत्साहित करें।
4. कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता के बारे में कर्मचारियों को जागरुक करें।
5. यदि किसी व्यग्ति को मानसिक समस्या होती है तो उसे मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन (Telemanas 14416 or 1800-89-14416) या ऑनलाइन संसाधनों के बारे में जानकारी प्रदान करें।
5. कार्यभार और अपेक्षाओं का समाधान करें ताकि अत्यधिक काम और बर्नआउट को रोका जा सके।
6. कर्मचारियों द्वारा किए गए प्रयासों की पहचान और पुरस्कृत करें जिससे उनका मनोबल बढ़ सके। 7. मानसिक रूप से स्वस्थ भौतिक वातावरण बनाएं।
8. प्राकृतिक तत्वः पौधे या बाहरी स्थानों को शामिल करें ताकि वातावरण में सुधार हो और तनाव कम हो सके।
इन कदमों को नियमित रूप से लागू करने से एक समर्थनकारी और मानसिक रूप से स्वस्थ कार्यस्थल कतावरण तैयार किया जा सकता है। इस अवसर पर जी एस वी एम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग द्वारा मानसिक रोगों के प्रति जागरुकता हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिसमें कॉलेज ऑफ नर्सिंग के छात्र एवं छात्राओं द्वारा लघु नाट्य का आयोजन हुआ जिसमे उन्होंने अनेक नाट्य प्रस्तुत किए गए। मेडिकल छान एवं छात्राओं को मानसिक बीमारियों के लक्षणों और उसके निवारण के बारे में मेडिकल कालेज के लेक्चर हाल से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शिखा सिंह द्वारा जानकारी प्रदान दी गई।
कार्यक्रम का निर्देशन आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ धनंजय चौधरी एवं असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ आयुषी सिंह द्वारा किया गया। मानसिक विकारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अस्पताल परिसर में जगह जगह बैनर्स लगा कर मानसिक रोगो से सम्बंधित जानकारी प्रदान की गई
इस अवसर पर इस कार्यक्रम में जूनियर रेजिडेंट डॉ सचेत खिलवानी, डॉ पवन कुमार और डॉ वैष्णवी दविवेदी उपस्थित रहे।