कानपुर।
-ग्रामीण बैंकों की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में देश-भर के ग्रामीण बैंक अधिकारी और कर्मचारी 100 करोड़ ग्रामीण भारत के वासियों के आर्थिक हितों की रक्षा एवं उनके उज्जवल भविष्य के उद्देश्य गांधी प्रतिमा फूलबाग पर सामूहिक उपवास किया देशभर में अलग-अलग प्रवर्तक बैंकों द्वारा संचालित ग्रामीण बैंकों को एक स्वतंत्र “भारतीय राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक” के रूप में समामेलित करने की मांग कर रहे हैं वर्तमान में ग्रामीण बैंक न केवल हर सरकारी नीति में अपने ग्रामीण ग्राहकों की सेवा में
अग्रणी हैं, बल्कि वित्तीय समावेशन, व्यवसाय एवं लाभ के मानकों में भी शीर्ष स्थान पर हैं इसी के चलते ग्रामीण बैंक अधिकारी और कर्मचारी इस मांग को जोर-शोर से उठा रहे हैं कि एक राष्ट्र, एक ग्रामीण बैंक की भावना को साकार करते हुए “भारतीय राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक” की स्थापना की जाएं आंदोलन के प्रमुख मुद्दे इस प्रकार हैं देशभर के 43 ग्रामीण बैंकों को राज्य स्तरीय ढांचे के अंतर्गत समामेलित करते हुए एक केंद्रीय स्तर पर “भारतीय राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक” की स्थापना की जाएं पिछले 15-20 वर्षों से दैनिक वेतन पर कार्यरत लगभग 20,000 अस्थाई कर्मचारियों, जो कि चतुर्थ श्रेणी पद (ऑफिस अटेंडेंट) के रिक्त पदों पर कार्यरत हैं उनका नियमितीकरण किया जाएं, ग्रामीण बैंकों को पूरी तरह से तकनीकी संसाधनों से लैस किया जाए ताकि 42 करोड़ ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिल सके, 30,000 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती की जाए और राज्य के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएं, मृतक आश्रित योजना को वर्ष 2009 से बैंकिंग उद्योग के समान प्रभावी किया जाएं उक्त कार्यक्रम में शामिल यूनिट्स में बड़ौदा यूपी बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन कानपुर नगर, बड़ौदा यूपी बैंक एम्प्लाइज यूनियन कानपुर नगर, बड़ौदा यूपी बैंक कानपुर नगर, सभा में प्रमुख रूप से उपस्थित NFRRBO के राष्ट्रीय अध्यक्ष सगुण शुक्ला, सेवानिवृत्ति फोरम के महामंत्री बीडी यादव ऑफिसर्स एसोसिएशन के महामंत्री विकास सिंह, एम्प्लाइज यूनियन के महामंत्री सौरभ श्रीवास्तव, सेवानिवृत्ति फोरम के अध्यक्ष एनके कनौजिया, प्रवीण तिवारी, सीबीएस और दर्जनों सेवारत एवं सेवानिवृत्ति अधिकारी और कर्मचारियों ने 4 घंटे का उपवास रखकर कार्यक्रम में भाग लिया।
ऑल इंडिया रीजनल रूरल बैंक इम्प्लाइज यूनियन द्वारा गांधी प्रतिमा के समक्ष सामूहिक उपवास कार्यक्रम आयोजित
