छात्रों में ज्ञान की कमी नहीं है उसको कलम और अभिव्यक्ति के माध्यम से हिंदी भाषा में उतारना होगा : सीमा परोहा
कानपुर-राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर में हिंदी पखवाड़ा 14 सितंबर, 2024 से 30 सितंबर 2024 तक मनाया गया इस अवधि में संस्थान में हिंदी में कामकाज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए विविध प्रतियोगिताओं यथा-सामान्य ज्ञान, हिंदी निबंध, हिंदी टंकण, टिप्पण आलेखन एवं श्रुतलेख आदि का आयोजन किया गया जिसमें अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बड़े उत्साह से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया संस्थान में आयोजित विविध प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल की पांच सदस्यीय टीम का गठन प्रोफ़ेसर सीमा परोहा, निदेशक द्वारा किया गया, जिसमें डॉ. अशोक कुमार, सहायक आचार्य कृषि रसायन-अध्यक्ष तथा अखिलेश कुमार पांडेय, मुख्य अभिकल्पक, मल्लिका द्विवेदी, सहायक निदेशक (राजभाषा), दया शंकर मिश्र, आशुलिपिक ग्रेड-1 और संतोष कुमार त्रिपाठी, प्रवर श्रेणी लिपिक चार सदस्य रहे चयन समिति से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर संस्थान में वर्ष भर हिंदी में अच्छा कार्य करने हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नकद पुरस्कार से प्रोत्साहित किया गया अधिकारी वर्ग में हिंदी डिक्टेशन में हिंदी भाषी वर्ग से वीरेन्द्र कुमार, वरिष्ठ यंत्र अभियंता व हिंदी भाषी वर्ग से डॉ. अनंत लक्ष्मी रंगराजन, सहायक आचार्य जैव रसायन को पुरस्कृत किया गया हिंदी टिप्पण आलेखन में शैलेन्द्र कुमार त्रिवेदी, सहा. आचार्य शर्करा प्रौद्योगिकी व विनय कुमार, सहायक आचार्य शर्करा अभियांत्रिकी को प्रथम, महेन्द्र कुमार यादव, कनिष्ठ तकनीकी अधिकारी, डॉ. सुधांशु मोहन कनि.वैज्ञानिक अधिकारी व कर्मचारी वर्ग से राजेन्द्र कुमार, कार्यालय अधीक्षक को द्वितीय पुरस्कार दिया गया पांच तृतीय पुरस्कार में अंबरीष कुमार अस्थाना, कनिष्ठ तकनीकी अधिकारी, आशीष कुमार शुक्ला, कनिष्ठ तकनीकी अधिकारी होराम, सहायक अभियंता (विद्युत), एमपी सिंह व तेजपाल वर्मा दोनों वरिष्ठ तकनीकी सहायक को पुरस्कृत किया गया अधिकारियों के लिये आयोजित हिंदी श्रुतिलेख प्रतियोगिता में वीरेन्द्र कुमार, वरिष्ठ यंत्र अभियंता को प्रथम, सुनीत कपूर, लेखा सह भंडार अधिकारी, द्वितीय तथा अंबरीष कुमार अस्थाना, कनिष्ठ तकनीकी अधिकारी, तृतीय पुरस्कार मिला डॉ.अनंत लक्ष्मी रंगराजन, सहायक आचार्य जैव रसायन एवं विवेक प्रताप सिंह, कनिष्ठ तकनीकी अधिकारी को सांत्वना पुरस्कार दिया गया कर्मचारियों के लिये आयोजित प्रतियोगिताओं में हिंदी निबंध में अखिलेश कुमार वर्मा-प्रथम, रंजन कुमार द्वितीय तथा विकास ठुकराल-तृतीय स्थान पर रहे वैभव सिंह एवं शिवम कुमार को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया टिप्पण आलेखन प्रतियोगिता में अचिन श्रीवास्तव-प्रथम, अंकित सिंह द्वितीय व रमाकांत-तृतीय रहे सांत्वना पुरस्कार उमाशंकर एवं शिवम कुमार को प्रदान किया गया सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में अचिन श्रीवास्तव-प्रथम, विनय कुमार गुप्ता-द्वितीय व सुरेन्द्र कश्यप-तृतीय स्थान पर रहे सांत्वना पुरस्कार रमाकांत एवं उदय कुमार को दिया गया हिंदी टंकण प्रतियोगिता में श्री सुभाष पटेल-प्रथम, रश्मि यादव-द्वितीय व उमाशंकर-तृतीय रहे सांत्वना पुरस्कार अरुण कुमार एवं रंजन कुमार को मिला विद्यार्थी वर्ग में हिंदी निबंध प्रतियोगिता में तरूण कुमार-प्रथम, तुषार बालियान द्वितीय, पुनीत निषाद-तृतीय स्थान पर रहे रवियांशु कुमार एवं पलक साहू को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया उल्लेखनीय है कि ये पांचों प्रतिभागी शर्करा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम के हैं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में गजानन श्रीवास्तव प्रथम, सुवर्णा साहू द्वितीय, दीपक सिंह-तृतीय रहे ये तीनों छात्र अल्कोहल प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम के हैं सांत्वना पुरस्कार रमन अवस्थी एवं शिवांशु पांडेय दोनों शर्करा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम को दिया गया आशुभाषण में तरूण कुमार-प्रथम, शिवांशु पांडेय द्वितीय, रवियांशु कुमार-तृतीय तीनों शर्करा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम के व अश्वनी मिश्रा एसबीसीसी तथा पुनीत निषाद शर्करा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम को सांत्वना पुरस्कार दिया गया विजेता प्रतिभागियों का हिंदी के प्रति रूझान देखते हुए निदेशक, प्रोफ़ेसर सीमा परोहा हर्ष से अभिभूत हो गईं उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्रों में ज्ञान की कमी नहीं है उसको कलम और अभिव्यक्ति के माध्यम से हिंदी भाषा में उतारना होगा छात्रों के रूप में जो अनगढ़े हीरे हमारे संस्थान में आये हैं उनको हमारे आचार्य गण तराशकर बेश्कीमती बना देंगें, जिनकी प्रतिभा का लोहा देश एवं विदेश में स्थित शर्करा एवं संबद्ध उद्योगों के अधिकारी मानेंगें प्रोफ़ेसर परोहा ने कहा कि हिंदी अब राजभाषा की सीमाओं को लांघकर विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है इस बात को विश्व के कई मंचों से स्वीकारा भी गया है हिंदी संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यालय में भी स्वीकार कर ली गई है हमको अपने घर में बच्चों से हिंदी में बात करने में हीनता का बोध नहीं होना चाहिये गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 13-14 सितंबर, 2024 को राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित चतुर्थ अखिल भारतीय हिंदी सम्मेलन के महाकुंभ में देश के विभिन्न भागों से जुटी लगभग 12000 से अधिक हिंदी प्रेमियों की भीड़ ने यह सिद्ध कर दिया कि हिंदी में विश्व की संपर्क भाषा बनने की अद्वितीय क्षमता है इसके उपरांत संस्थान में निजी सचिव के पद पर कार्यरत जॉन ई.कार्नेलियस को सेवानिवृत्ति के अवसर पर भावभीनी विदाई दी गई हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह में लखनऊ से पधारे पंकज प्रसून, कानपुर के कविता के सशक्त हस्ताक्षर अंसार कंबरी व नीरू श्रीवास्तव आदि ने अपनी कविताओं के माध्यम से सभागार में उपस्थित जन समुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया लोग काफी देर तक काव्य सरिता में डुबकी लगाते रहे और कवियों की पंक्तियों को गुनगुनाते रहे कार्यक्रम का संचालन मल्लिका द्विवेदी, सहायक निदेशक (राजभाषा) ने करते हुए आमंत्रित कवियों का आभार प्रकट करते हुये कहा कि आप सबकी एक साथ उपस्थिति मणि कांचन संयोग है।