कानपुर, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के शिशु रोग विभाग में “रैशनल एंटीबायोटिक उपयोग सप्ताह” के अवसर पर एक सफल प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एंटीबायोटिक दवाओं के विवेकपूर्ण और सही उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। कार्यक्रम में चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों आम जनता ने भाग लिया।एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक और अनियमित उपयोग के खतरों के बारे में जानकारी दी गई और बताया गया कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना गंभीर खतरा बन सकता है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध (रेज़िस्टेंस) की बढ़ती समस्या पर जोर दिया गया और इसे एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बताया गया।वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।संक्रमण की रोकथाम और इससे बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला गया।सामूहिक जागरूकता और सावधानी से एंटीबायोटिक प्रतिरोध को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।डॉ. वी. एन. त्रिपाठी (पूर्व डीजीएमई, उत्तर प्रदेश) ने बताया कि एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग से आने वाले समय में इनकी प्रभावशीलता कम हो सकती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।इस कार्यक्रम ने एंटीबायोटिक दवाओं के सही उपयोग, एंटीबायोटिक प्रतिरोध की समस्या और इसके समाधान के लिए जागरूकता फैलाने का एक सार्थक मंच प्रदान किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी विशेषज्ञों ने एंटीबायोटिक दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया और समाज में इस जागरूकता को फैलाने का आह्वान किया।