शारीरिक शिक्षा विभाग और स्कूल आफ हेल्थ साइंस के संयुक्त तत्वाधान में योग विषय कर कार्यशाला हुई सम्पन्न
कानपुर-शनिवार को कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के संरक्षण और प्रेरणा से शारीरिक शिक्षा विभाग और स्कूल आफ हेल्थ साइंस के संयुक्त तत्वाधान में योग विषय कार्यशाला सम्पन्न हुई कार्यशाला का उद्घाटन वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्या डॉ वंदना पाठक ने विश्वविद्यालय के स्टेडियम में दीप प्रज्वलन के साथ किया इस सत्र में लगभग 100 बच्चों ने एक साथ 108 सूर्य नमस्कार का अभ्यास किया दूसरे सत्र में इसके वैज्ञानिक पहलुओं की चर्चा करते हुए विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी ने बताया कि सूर्य नमस्कार भारतीय योग परंपरा की एक ऐसी विद्या है जो साधना के साथ-साथ स्वास्थ्य और विभिन्न रोगों के उपचार में उपयोगी सिद्ध हो रही है विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधानों में सूर्य नमस्कार का सकारात्मक प्रभाव अंतः स्रावी तंत्र सहित शरीर के समस्त संस्थानों पर पाया गया है इसका अभ्यास प्रातः सूर्य की अरुणिमा के साथ करना अधिक उपयोगी और वैज्ञानिक है। उन्होंने कहा सामान्यतः विज्ञान के नियम 5 वर्षों में परिवर्तित हो जाते हैं, परंतु सूर्य नमस्कार की विधि हजारों वर्ष से यथावत संचालित है उन्होंने कहा योग का अभ्यास स्वास्थ्य संवर्धन संरक्षण और चिकित्सा तीनों दृष्टि से उपयोगी है परंतु इनका अभ्यास कुशल प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ प्रशांत शुक्ला ने सूर्य नमस्कार, योगासन आदि के सैद्धांतिक और वैज्ञानिक पशुओं का विश्लेषण करते हुए कहा प्रत्येक जीवित व्यक्ति योग का अभ्यास कर सकता है योग के अभ्यास में अभ्यासी को एक संतुलित योग समूह का चयन करना चाहिए अर्थात आगे झुकने वाले, पीछे झुकने वाले, सर को नीचे और पर को ऊपर करने वाले, बगल में झुकने वाले और मेरुदंड को घुमाने वाले आदि स्वभाव वाले आसनों का एक संतुलित समावेश होना चाहिए विभिन्न योगिक ग्रन्थों में जिन सिद्धांतों का प्रतिपादन हुआ है, उनको वैज्ञानिक अनुसंधान और वर्तमान परिवेश अर्थात् देश, काल, समय, परिस्थति के उन्हें परिवर्तित कर लेना चाहिए क्योंकि ये ग्रन्थ जब लिखे गये, तब और वर्तमान परिस्थितियों में काफी अन्तर है कार्यशाला में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ. अनिल कुमार यादव जी ने भी अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए भी उपयोगी हैं, अतः इनके लिए भी योग के अभ्यास हेतु कार्यशाला होती रहनी चाहिए कार्यशाला समन्वयक डॉक्टर रामकिशोर जी ने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में योग के बीएससी योग, एमएससी योग, एमए योग, पीजी डिप्लोमा सहित पीएचडी के कोर्स संचालित हैं अतिथियों का स्वागत शारीरिक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ श्रवण कुमार यादव जी ने किया इस अवसर पर स्कूल आफ हेल्थ साइंस के सहायक निदेशक डॉ मुनीष रस्तोगी जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के हित में दोनों संस्थान मिलकर अनवरत रूप से योग की कार्यशालाएं और अन्य जन उपयोगी गतिविधियां आयोजित करते रहेंगे स्कूल आफ हेल्थ साइंसेज के निदेशक डॉ दिग्विजय शर्मा ने उपस्थित सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया इस अवसर पर शारीरिक शिक्षा विभाग के शिक्षक डॉक्टर प्रभाकर पांडे, डॉक्टर निमिषा कुशवाहा, डॉक्टर आशीष कटियार, शोध छात्र अनिल कुमार यादव, कविता गुप्ता, सोनाली धनवानी सौरभ तिवारी आदि लोग उपस्थित रहे