गठबंधन के बाद भी नही दिखाई दे रहा कार्यकर्ताओं में जोश

सपा-कांग्रेस गठबंधन के कारण नेताओं और कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति, नही बन पा रही ठोस रणनीति

कानपुर-भारतीय जनता पार्टी के खलाफ बने गठबंधन में सपा और कांग्रेस के बीच हुए आपसी समझौते के बाद भले ही गंठबंधन का समीकरण बन गया हो लेकिन सत्य यही है कि इस गठबंधन के बाद भी सपा के नेताओं और कार्यकर्ताओ में पहले जैसा जोश नजर नही आ रहा है यहां तक कुछ सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस जैसी पार्टी से गठबंधन कर सपा पीछे जाते दखाई दे रही है वहीं चुनाव नजदीक आते जा रहे है और किसी प्रकार से कोई खास चुनावी रणनीति नही बनाई जा रही है सपा कार्यालयों में सन्नाटा छाया हुआ है सपा नगर अध्यक्ष फजल महमूद द्वारा कार्यकर्ताओं में जोश भरने का लागातार प्रयास किया जा रहा है वहीं ग्रामीण में सन्नाटा नजर आ रहा है दूसरी तरफ कांग्रेस में भी चुनाव को लेकर उत्साह नजर नही आ रहा है लक्ष्य दोनो पार्टियों का भले ही एक हो लेकिन दोना पार्टियां लक्ष्यहीन दिशा से आगे बढने का प्रयास कर रही है लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन से विशेष तौर पर सपा कार्यकर्ताओं में उत्साह नही दिखाई दे रहा है माना जा रहा है कि सपा के कई दिग्गज नेता और कार्यकर्ता इस गठबंधन से खुश नही है वहीं राजनीतिक जानकारों की माने तो लगातार सपा और कांग्रेस से बडे नेताओं का बीजेपी में शामिल होना और अपनी जीत सुनिश्चत न होना भी बडा कारण है, उसपर कांग्रेस जैसी पार्टी जिसकी यूपी में हालत किसी से छिपी नही है और वह अपना आस्तित्व बचाने का भरसक प्रयास कर रही है, ऐसी पार्टी से गठबंधन के बाद सपा कार्यकर्ताओं का जोश समाप्त सा हो गया है न ही कोई चुनावी बैठके हो रही है और न ही अभी तक चुनाव सम्बन्धित कोई रणनीति बनाई जा सकी है इसके उलट कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस खेमे में इस गठबन्धन को लेकर थोडी सी सामान्य य स्थित अवश्य बनी हुई है भीतर की माने तो कांग्रेस के कार्यक्रमों सपाई खुद को असहज महसूस कर रहे है तो वहीं सपा के कार्यक्रमों में भी सपा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के साथ ताल-मेल नही बैठ रहा है भले ही लोकसभा के चुनाव से पहले दोनो ही पार्टियां गठबन्धन की जीत का दांवा कर रही हो लेकिन सत्यता कुछ और है सपा द्वारा अभी तक चुनावी रणीनति पर विचार करना भी नही शुरू किया गया है साथ ही हर बूथ पर 10 बूथ की योजना भी धीमी गति से चल रही है कहा यह जा रहा है कि सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद मजबूती के साथ लोकसभा चुनाव लडेगी लेकिन कार्यकर्ताओं और बडे नेताओं में जोश नही दिखाई दे रहा है सपा महानगर अध्यक्ष फजल महमूद द्वारा कुछ प्रयास अवश्य किए जा रहे है जो नकाफी नजर आ रहे है कांग्रेस में भी असमंजस की स्थित बनी हुई है बैठकें किन चुनावी मुद्दों पर होनी चाहिये, चुनावी रणनीति क्या होनी चाहिये और दोनो पार्टियों के कार्यकर्ताओं को किस प्रकार आगे कार्य करना चाहिये अभी यह तय नही किया जा सकता है यह कहा जा सकता है कि अभी दोनो पार्टियों के कार्यकर्ता दिशाहीन है वहीं आला कमान से भी अभी तक कोई स्पष्ट निर्देश नही आए है।
पूर्व पार्षद अमित मेहरोत्रा को सपा से किया गया निष्कासित
समाजवादी पार्टी कानपुर के अध्यक्ष फजल महमूद द्वारा वार्ड नंबर 101 चौक सर्राफा से सपा पार्षद अभिषेक गुप्ता उर्फ मोनू तथा वार्ड नंबर 76 हरवंश मोहाल के पूर्व पार्षद अमित मेहरोत्रा बबलू को सपा से निष्कासित कर दिया गया है इस संबंध में सपा नगर अध्यक्ष फजल महमूद ने बताया कि इनको सपा विरोधी कार्य में लिप्त पाये जाने पर आर्य नगर विधानसभा की अनुशासन समिति की रिपोर्ट की आख्या के अनुसार सपा की सभी समितियों से निष्कासित कर दिया गया है इस सम्बन्ध में सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को भी अवगत करा दिया गया है

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