भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के कानपुर चैप्टर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया

कानपुर

भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के एन आई आर सी के कानपुर चैप्टर द्वारा आर्य नगर स्थित रेस्टोरेंट अरे वाह में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सीएस रूमा चतुर्वेदी जी ,निदेशक, पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर रही। जिसमें मुख्य वक्ता डॉक्टर दिव्या चौधरी जी ,निदेशक जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एवं रूबी चावला जी निदेशक एलेन हाउस ग्रुप रही । सीएसस रीना जाखोदिया, अध्यक्षा, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान कानपुर चैप्टर ने सभी आए हुए अतिथियों, सदस्यों और सभी छात्र छात्राओं का स्वागत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दी ।

चैप्टर की अध्यक्षा,सीएस रीना जाखोदिया जी, ने बताया : कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उस ताकत, और अनुग्रह को समर्पित है जो दुनिया भर में महिलाओं को परिभाषित करती है। प्रत्येक महिला एक अनोखी कहानी, विपरीत परिस्थितियों पर विजय की कहानी और पीढ़ियों से गूंजती आशा की धुन लेकर चलती है।प्रत्येक सफल महिला के पीछे अन्य महिलाओं की एक जमात होती है जिन्होंने उसे समर्थन दिया, प्रोत्साहित किया और उसका उत्थान किया है। आज, हम एक साथ मिलकर यह समझने की कोशिश करते हैं कि प्रत्येक महिला अपने अनूठे स्थान और अर्थ में महत्व पा सकती है।हमें मिलकर महिलाओं का पूरा समर्थन करने, यह सुनिश्चित करने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि उन्हें सभी अधिकार प्राप्त हैं और उनकी आवाज़ सुनी जाए।

सीएस रुमा चतुर्वेदी जी ने कहा, नारी को अपनी शक्ति को पहचानना चाहिए, और समाज के दवाब में आये बिना सही निर्णय लेना चाहिए। हर बार सुपर वुमन बनना ज़रूरी नहीं है कि “सारा सब कुछ हम कर लेंगे, हमे किसी की ज़रूरत नहीं ” बल्कि हमें खुद का एक सपोर्ट नेटवर्क डेवेलप करना चाहिए, ताकि समय पड़ने पर हम एक दूसरे की मदद कर सकें|

डॉ. रूबी चावला जी ने कहा, कि यह जरूरी है कि हम दूसरों से अपनी तुलना करना बंद करें, क्योंकि तुलना अक्सर आत्म-संदेह और असंतोष को जन्म देती है। इसके बजाय, हमें कृतज्ञता और संतुष्टि की मानसिकता को बढ़ावा देते हुए, अपने जीवन के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और नकारात्मक पहलुओं को नजरअंदाज करना चाहिए। इसके अलावा, वह दूसरों की प्रशंसा और सराहना करने के महत्व पर जोर देती है, क्योंकि इससे न केवल उनका उत्साह बढ़ता है बल्कि हमारी सकारात्मकता भी बढ़ती है।

डॉ दिव्या चौधरी जी ने बताया प्रभावी समय प्रबंधन हमारे दिन में अधिक कार्यों को शामिल करने के बारे में नहीं है, बल्कि प्राथमिकता देने और हमारे समय को बुद्धिमानी से आवंटित करने के बारे में है। सचेत चुनाव करने और इसे हमें नियंत्रित करने देने के बजाय हमारे शेड्यूल पर नियंत्रण रखने के बारे में है।समय प्रबंधन के मूलभूत सिद्धांतों में से एक स्पष्ट लक्ष्य और उद्देश्य निर्धारित करना है। जब हम जानते हैं कि हम क्या हासिल करना चाहते हैं, तो हम उसके अनुसार अपने समय की योजना बना सकते हैं, उन कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं |तनाव को प्रबंधित करने का सबसे प्रभावी तरीका आत्म-देखभाल है। आराम करने और उन गतिविधियों में शामिल होने के लिए समय निकालना जो हमें खुशी देती हैं|

कार्यक्रम में सीएस आशीष बंसल, सीएस मनीष कुमार पाल, सीएस ईशा कपूर, सीएस वैभव अग्निहोत्री, सीएस जागृति मिश्रा , सीएस मनीष शुक्ला, सीएस राकेश श्रीवास्तव ,सीएस अरविंद कटियार, सीएस गोपेश साहू जी, सीएस श्वेता अग्रवाल, सीएस जानवी मूरजानी सीएस मनोज यादव जी , आदि मौजूद रहे।

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