कानपुर और प्रदेशभर में चर्चित ऑपरेशन महाकाल 30 सितंबर से बंद हो गया है, लेकिन भूमाफिया व कब्जेदारों के खिलाफ अभियान अब भी जारी रहेगा। इस दौरान पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में कुल 412 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 55 से 60 मामलों में FIR दर्ज की गई है। बाकी मामलों की जांच SIT, सभी जोन के DCP और अन्य अधिकारी कर रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के पास कई पीड़ित आए थे, जिन्होंने बताया कि उन्हें छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसे फर्जी मामलों में फंसाकर रंगदारी मांगी गई। इस पर SIT का गठन किया गया और अधिवक्ता अखिलेश दुबे समेत अन्य के खिलाफ बर्रा, कोतवाली, ग्वालटोली व किदवई नगर थानों में रिपोर्ट दर्ज की गई। रावतपुर थाने में गजेंद्र सिंह नेगी और उसके भाइयों, चकेरी में अधिवक्ता व कल्याणपुर में लाली शुक्ला समेत अन्य लोगों पर भी FIR हुई।
इसके अलावा, थाने, ACP, ADC, DCP और संयुक्त पुलिस आयुक्त कार्यालय में भी कई शिकायतें दर्ज हुईं, जिनकी जांच जारी है। ऑपरेशन महाकाल की लोकप्रियता और कमिश्नरी पुलिस की सक्रियता को देखते हुए गाजियाबाद, नोएडा और अन्य जिलों से भी शिकायतें पुलिस कमिश्नर कार्यालय तक पहुंची। इनमें से कुछ शिकायतें ई-मेल के जरिए भी मिली हैं।
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के ट्रांसफर और आगामी भूमिका में बदलाव के कारण जांच प्रक्रिया पर असर पड़ा है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान खत्म नहीं हुआ है। स्टाफ ऑफिसर राजेश कुमार पांडेय ने स्पष्ट किया कि SIT की जांच जारी है और सभी साक्ष्य व गवाहों के बयान लिए जा रहे हैं। भूमाफिया व कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई पूर्व की तरह जारी रहेगी।