कानपुर-कानपुर के नजीराबाद के जवाहर नगर में एक तीन मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर में बने बाथरूम में छोटे भाई की लाश सात दिन तक सड़ती रही और बड़े भाई को जरा सी भनक तक नहीं लगी इतना ही नहीं छोटे भाई के साथ रहने वाली दिव्यांग बहन को भी घटना की जानकारी नहीं हो पाई, बल्कि वह चूहा मरने पर दुर्गंध उठने की बात कहती रही।गनीमत रही कि द्वितीय तल में रहने वाले एक शख्स ने अनहोनी कि आशंका को देख बड़े भाई को कमरा और बॉथरूम चेक करने की सलाह दी, जहां बॉथरूम में छोटे भाई का शव औंधे मुंह पड़ा था जवाहर नगर में रहने वाले सुनील पाठक उर्फ सप्पू घर के पास स्थित शनि साईं मंदिर खाटू श्याम मंदिर के प्रबंधक के अलावा आरटीओ एजेंट हैं तीन मंजिला मकान के अगले हिस्से में वह पत्नी नीलम, बेटी दिव्या और बेटा दिव्यांश के साथ रहते थे। जबकि मकान के पिछले हिस्से में उनका 45 वर्षीय छोटा भाई, दिव्यांग बहन के साथ रहता था सुनील के मुताबिक, छोटे भाई का लीवर खराब होने के चलते पिछले करीब 25 दिन से उनका इलाज हैलट में चल रहा है। 23 सितंबर की रात सुशील बहन रेनू से हैलट में इलाज करने की बात कहकर निकाला था उसके घर न आने पर काफी खोजबीन की लेकिन पता नहीं चल पाया, फिर 26 सितम्बर को नजीराबाद थाने में सूचना देकर गुमशुदगी दर्ज कराई उधर, मंगलवार अपराह्न तेज दुर्गंध आने पर द्वितीय तल में रहने वाले कौशल की पत्नी ने सुनील को पिछला हिस्सा चेक करने की बात कही इस दौरान दिव्यांग रेनू से चूहा मरने से बदबू आने की जानकारी दी, तभी एक दम अंदर बने वॉशरूम में लापता सुशील का शव पड़ा देख बड़े भाई के होश उड़ गए। हालांकि, इस दौरान दुर्गंध का एहसास जहां एक तरफ बड़े भाई को नहीं हुआ तो वहीं प्रथम तल में रहने वाले दोनों भतीजों को भी नहीं हुआ प्रभारी राजकेसर ने बताया कि मामले की जांच कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। विधिक कार्यवाही की जायेगी।
“अभी तक चुप्पी: घर में लाश, बहन बोली – चूहा मर गया
